गुजरात में नए मतदाताओं के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है |गुजरात में 2017 विधानसभा चुनाव के लिए बनी मतदाता सूची में पहली बार दर्ज युवक मतदाताओं की प्रति हजार की संख्या के सामने युवती मतदाताओं की संख्या 913 थी जो बढ़कर 932 हो गयी है | 2011 की जनगणना में यह आकड़ा 919 था |
गुजरात में लिंगानुपात में एक उल्लेखनीय सुधार के तौर पर देखा जाय तो 18 -19 वर्ष आयुवर्ग में दर्ज मतदाताओं में देखा गया | जो 2017 में 592 था वह बढ़कर 2022 में 683 हो गया है |
1951 में जब देश में पहली बार जनगणना हुयी थी उसकी तुलना में 2011 में महिलाओं की संख्या में 3. 46 प्रतिशत का बढ़ावा दर्ज किया गया है | 2011 की जनगणना के अनुसार यह संख्या एक हजार की तुलना में 952 थी |
बाल लिंगानुपात में 0 -6 आयुवर्ग में भी लिंगानुपात सकारात्मक संदेश दे रहा है | 2011 में 937 है जो 2001 में 833 था | परिवार स्वस्थ्य विभाग के एक सर्वे के मुताबिक लिंगानुपात में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है |
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समाजशास्त्री गौरांग जानी के मुताबिक गुजरात के कुछ जिलों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है ,इसके बहुत सारे कारण है जिसमे जन जागरूकता सबसे अहम है | 18 -19 आयु वर्ग के पहली बार मतदान के लिए दर्ज मतदाताओं की संख्या देखे तो उसमे जिस तरह लड़कियों की संख्या बढ़ी है उसका बड़ा कारण स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है , साथ ही चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं के बीच फैलायी गयी जागरूकता भी है |