अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) बिना बिल्डिंग यूज (बीयू) और फायर एनओसी अनुमति के अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर चुका है। सोमवार को एएमसी ने अहमदाबाद के 42 अस्पतालों के फॉर्म सी को बीयू की अनुमति और फायर एनओसी के लिए सही दस्तावेज उपलब्ध न कराने की दशा में रद्द कर दिया। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही एक याचिका के तहत यह सख्त कार्रवाई की गई है।
सभी 42 अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों को सात दिनों के भीतर शिफ्ट करने का आदेश भी दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं! अब एक भी नए मरीज को भर्ती करने पर रोक भी लगाई गई है।
एएमसी का जन्म और मृत्यु विभाग, बॉम्बे नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम 1949 की धारा 5 के तहत अस्पतालों और नर्सिंग होम को पंजीकृत करता है, और अस्पताल को सी फॉर्म जारी करता है। अब अस्पतालों की अनियमित्तता पर ये फॉर्म रद्द कर दिए जाएंगे और अस्पताल/नर्सिंग होम को बंद कर दिया जाएगा।
8 जुलाई को, राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2022 तक बिना बीयू के अस्पतालों को अनुपालन से छूट देने वाला एक परिपत्र जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि गुजरात राज्य सरकार के अस्पतालों को 8 जुलाई की अधिसूचना के तहत मार्च 2022 तक बीयू की अनुमति प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी। शीर्ष अदालत ने तब बताया कि ऐसे अस्पताल थे जिनके पास 38 साल से बीयू की अनुमति नहीं थी, जिसपर राज्य सरकार को उनका पालन करने का निर्देश दिया। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि अग्नि सुरक्षा और अनुपालन की कमी के कारण अक्सर आग दुर्घटनाएं हो रही हैं, और बीयू व फायर एनओसी की अनुमति में ये अनियमितताएं सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
विशेष रूप से, अहमदाबाद में 250 से अधिक अस्पताल और नर्सिंग होम, फायर एनओसी और बीयू की अनुमति के बिना चल रहे हैं। एएमसी ने इससे पहले जून में बीयू की अनुमति नहीं होने पर 10 स्कूलों को सील किया था। साथ ही निगम ने 10 स्कूलों की कुल 259 इकाइयों को सील किया।