विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए भारत के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास के अनुमान को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत तक कर दिया है। इसलिए कि देश की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक स्तर पर विपरीत घटनाओं के बावजूद जुझारू क्षमता दिखाई है, जिससे हालात कहीं बेहतर हुए हैं।
यह सुधार पहले बैंकों और बहुपक्षीय संस्थानों (multilateral institutions) द्वारा डाउनग्रेड करने के बाद आया है। विश्व बैंक ने भी अक्टूबर में भारत के विकास अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। वास्तव में यह FY23 में किसी भी बहुपक्षीय एजेंसी द्वारा भारत के विकास पूर्वानुमान का पहला अपग्रेड है। विश्व बैंक का आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के FY23 जीडीपी विकास दर 7 प्रतिशत के अनुमान के बहुत करीब है।
इससे पहले अक्टूबर में वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। अब उसने वृद्धि दर के अनुमान को फिर बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। इस तरह भारत के जीडीपी अनुमान में बार-बार सुधार करना बताता है कि वर्ल्ड बैंक हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को भारत को लेकर जारी की गई अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है। दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस वजह से पूरे वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को बढ़ाया जा रहा है।
बता दें कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारत की जीडीपी दर 8.7 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी। वर्ल्ड बैंक ने कहा, “अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है।” वैसे वर्ल्ड बैंक ने भरोसा जताया है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की महंगाई दर भी 7.1 प्रतिशत पर रहेगी।
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