झारखण्ड का नाम आते ही आर्थिक बदहाल ,शोषित , कुपोषण ,अशिक्षा से जुडी हुयी तस्वीरें गूगल में भरी पड़ी है | अपने गठन के बाद से ही झारखण्ड विभिन्न मोर्चो पर लड़ने की कोशिश कर रहा है , और कई मायनों में वह जीत भी रहा है | यह सफलता की कहानी भी समस्या के गोद से ही जन्मी है | आर्थिक स्तर सबसे बदहाल किसानों में झारखण्ड के किसानों का समावेश होता है , उनकी मदद के लिए आगे आती है महिलाये , जी हा महिलाएं |
एक कंपनी गठित की जाती है और उसका नाम रखा जाता है चुरचू नारी उर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड। इस कंपनी की सभी बोर्ड सदस्य महिलाएं हैं। महिलाएं ही अध्यक्ष और उपाध्यक्षहैं। लालमुनि मरांडी, रीता देवी, सुधा देवी, सुमित्रा देवी और पुष्पा देवी,कंपनी की संचालक है | इन लोगों ने सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को एकजुट किया और कंपनी बनाई और उनसे खेती करवाकर उनके उत्पाद को बाजार में बेचा।
आज इस कंपनी की 2500 से अधिक अंश धारक हैं, जिसका 18 लाख रुपया अंश पूंजी है और 7000 से अधिक महिला किसान इस कंपनी से जुड़ी हैं। महिलाओं की इस कंपनी ने एक साल में ढाई करोड़ रुपये की सब्जी की बिक्रीकर दी। इस कंपनी ने पूरे देशभर में सबसे अधिक सब्जियों का व्यापार करने में पहला स्थान बनाया है।चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 6 जून 2018 में हुआ। इस कंपनी का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं, किसानों को एकजुट कर उनके जीवन स्तर को ऊंचा करना है। शुरुआती दौर में कई समस्याओं का इन्हें सामना करना पड़ा, लेकिन कुछ महिलाओं के द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास धीरे धीरे रंग लाया। इन महिलाओं को अपने इस कार्य का इनाम भी मिला।
आज इस कंपनी के 7000 से अधिक महिला किसान सदस्य हैं, जिनमें लगभग 2500 महिला अंश धारक हैं । यही नहीं, 18 लाख रुपया इनका अंश पूंजी है। इस वित्तीय वर्ष में इन्होंने दो करोड़ 75 लाख रुपए की कृषि उत्पाद बेचकर इतिहास रच दिया। इन महिलाओं को अपने इस कार्य का इनाम भी मिला।