इस बार 2023 में, प्रसिद्ध बीएसएफ ऊंट टुकड़ी (BSF Camel Contingent), जो 1976 से गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day celebrations) का हिस्सा रही है, अपने पुरुष समकक्षों के साथ ऊंट की सवारी करने वाली शाही पोशाक में बीएसएफ की पहली महिला टुकड़ी (women contingent) का गवाह बनेगी।
प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर (designer Raghavendra Rathore) द्वारा डिजाइन की गई, महिला प्रहारियों के लिए वर्दी भारत के कई क़ीमती शिल्प रूपों का प्रतिनिधित्व करती है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में तैयार की जाती है, और राघवेंद्र राठौर जोधपुर स्टूडियो में इन-हाउस असेंबल की जाती है।
बीएसएफ कैमल कांटिनजेंट ब्रांड (BSF Camel Contingent brand) के लिए महिला प्रहारियों की वर्दी के डिजाइन में राजस्थान के इतिहास के सार्टोरियल और सांस्कृतिक तत्वों को शामिल किया गया है।
बीएसएफ महिलाओं (BSF women) के लिए पोशाक डिजाइन करते समय, राष्ट्रीय बलों की वर्दी में से एक को पहनने की कार्यक्षमता, विशेषाधिकार और सम्मान परिलक्षित होता है, जो प्रतिष्ठित आरआरजे जोधपुरी बंधगला (RRJ Jodhpuri Bandhgala) के साथ प्रतिध्वनित होता है जो आलीशान, क्लासिक और लालित्य का प्रतीक है।
बनारस के विभिन्न ट्रिम्स के लिए हाथ से तैयार किए गए जरदोजी (zardozi) के काम वाले बनावट वाले कपड़े को 400 साल पुरानी डंका तकनीक (Danka technique) में बनाया गया है।
वर्दी को आकर्षक पाघ के साथ स्टाइल किया गया है, जिसमें एक पगड़ी शामिल है, जो राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के विरासत पाघ से प्रेरित है।
पाघ राजस्थान के लोगों के सांस्कृतिक पहनावे का एक अनिवार्य तत्व है, और मेवाड़ में जो पहना और बांधा जाता है वह किसी की प्रतिष्ठा और सम्मान का प्रतीक है।
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