- दीपेन जगीवाला की एनआईए और डीआरआई क्यों लेती हैं मदद , एक हजार मामलो में बना मदददगार
पिछले 18 साल से सूरत पुलिस की जांच में मदद कर रहे एक दीपेन जगीवाला का काम इतना कारगर साबित हुआ कि जांच में राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसी एनआईए और डीआरआई की टीम ने भी इस युवक की मदद ली.
सूरत शहर पुलिस के अलावा सूरत रेंज यानी दक्षिण गुजरात पुलिस के करीब 1000 अपराधों की जांच में मदद करने में दीपेन जगीवाला ने अहम भूमिका निभाई है. इतना ही नहीं इस बम विस्फोट जैसी घटनाओं के पर्दाफाश के लिए भी दीपेन जगीवाला की मदद ली.
बम विस्फोट जैसी घटनाओं के पर्दाफाश के लिए भी दीपेन जगीवाला की मदद ली.
पुलिस की जाँच में यह युवक इतना मददगार हो रहा है , दो अलग अलग पुलिस आयुक्त ने गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेज कर विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया।
युवक का नाम दीपेन जगीवाला है। जिसकी स्केच बनाने में महारत है। उनके पास तकनीकी ज्ञान का खजाना भी है। नतीजतन, सालों पहले जब पुलिस के पास नवीनतम उपकरण नहीं थे, तब जगीवाला पुलिस के लिए मददगार थे।
2020 में दीपन को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त किया
गृह विभाग ने वर्ष 2020 में दीपन को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त किया है, जो वर्षों से यानि करीब 18 साल से इस तरह से पुलिस की मदद कर रहे हैं। इससे पहले राकेश अस्थाना और आशीष भाटिया ने भी नियुक्ति के लिए गृह विभाग में प्रस्ताव भेजा था लेकिन तब सरकार ने मंजूर नहीं किया था।
तब आखिर में सूरत रेंज के आईजीपी डॉ. एस.पी. राजकुमार ने प्रस्ताव रखा। जिसके बाद उन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (द्वितीय श्रेणी) के रूप में नियुक्त किया गया है।
दीपेन अब तक करीब 1000 स्केच बना चुके
दीपेन अब तक करीब 1000 स्केच बना चुके हैं। इनमें से कुछ मामलों में स्केच के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दीपेन की कहानी यह बताती है की बिना पुलिस की वर्दी पहने भी आप पुलिस की मदद पुलिस मित्र बनकर कर सकते हैं।
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