गुजरात भाजपा के लिए महज एक राज्य नहीं बल्कि प्रयोगशाला है , ढाई दशक से अधिक समय से गुजरात ने भाजपा को गले लगा रखा है , लेकिन विपक्षी कांग्रेस का भी हाथ मजबूती से पकड़ रखा है।2014 -2019 के लोक सभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को शून्य पर पहुचा दिया हो और पीएम मोदी को झोली में 26 कमल दे दिए हो लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान वह अपना मिजाज बदल लेती है।
2012 में 57 तो 2017 में 77 विधायक विपक्षी कांग्रेस के बना दिया था। जबकि दोनों चुनाव के बीच में महज 2 -2 साल का अंतर था , और खास बात यह है की यह सभी चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर के और अमित शाह के कुशल प्रबंधन में लडे गए थे।
ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए खासा अहम हो जाता है। लोकसभा की सफलता दोहराना भाजपा का स्वर्णिम लक्ष्य है जबकि 1985 में कांग्रेस के तात्कालिक मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में 149 सीट के अजेय बने रिकॉर्ड को तोडना भाजपा का संकल्प है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह के लगातार हो रहे गुजरात प्रवास और गुजरात भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव के दौरे के बाद भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गुजरात दौरा कितना अहम है इसका अंदाजा उनके कार्यक्रम से लगाया जा सकता है , किसी बड़ी जनसभा की बजाय उनका फोकस निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रदेश से लेकर मंडल तक के पदाधिकारियों के साथ संवाद है। और हिंदुत्व उसका आधार ,इस लिए वड़ोदरा में वैष्णव समाज के संत सम्मेलन में भी उपस्थित रहेंगे।
भाजपा प्रवक्ता यमल व्यास के मुताबिक भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबह 8 बजे एयरपोर्ट पर आने के बाद ,9 बजे साबरमती स्थित गाँधी आश्रम का दौरा करेंगे। 10 . 30 बजे से 11. 30 बजे तक प्रदेश मुख्यालय कमलम में प्रदेश संसदीय बोर्ड के सदस्य सांसद , विधायक , महानगर के प्रमुख , महानगर पालिका के पदाधिकारियों के साथ पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों से भी संवाद करेंगे।
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी और उनको मार्गदर्शन के बाद दोपहर 12 . 30 बजे से 2 बजे तक गुजरात विश्वविधालय के कन्वेशन हॉल में प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर मंडल प्रमुख महामंत्री तक के तमाम पदाधिकारियों को सम्बोधित करेंगे।
वड़ोदरा में संत सम्मलेन को सम्बोधित करने के बाद शाम को साढ़े 7 . 45 बजे वापस गांधीनगर मुख्यमंत्री आवास आकर प्रदेश कोर कमेटी के सदस्यों तथा प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों के साथ अलग से बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान भावी आयोजन और चुनावी रणनीति तैयार होगी। बाद में दूसरे दिन सुबह मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश प्रमुख के साथ अलग से बंद कमरे में बैठक होगी।
शायद गुजरात भाजपा के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष जब चुनाव के लिए 6 महीने से अधिक का समय बाकी हो वह मंडल से लेकर पूर्व विधायकों और चुनाव समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे , सामान्यत यह दायित्व प्रभारी महासचिव निभाते है , लेकिन जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मोर्चा सभाले तो गंभीरता समझी जा सकती है।
कांग्रेस की कब्जे वाली सीटों पर होगा मंथन
भाजपा के चुनाव समिति के एक सदस्य के मुताबिक गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख बनने के बाद ही सी आर पाटिल ने लक्ष्य साफ कर दिया था। पिछले चार चुनाव परिणाम के और वर्तमान परिस्थितियों को देखने के बाद भी 40 -50 सीटों पर कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति अलग अलग कारणों से है , जिनमे 22 सीट ऐसी है जो वह पिछले चार चुनाव से लगातार जीत रही है , वही 9 सीटों पर 3 हजार से कम अंतर से कांग्रेस जीती थी
। इसलिए इन सीटों को लेकर खास तौर से समीझा की गयी है , वहा कांग्रेस क्यों जीतती है उन परिबलो का भी विश्लेषण किया गया। कांग्रेस के लोगो की भाजपा में जरुरत नही है की नीति को अभी इसी लिए किनारे किया गया है।
मजबूत विपक्षियों का होगा कमलम में प्रवेश
भाजपा प्रमुख नड्डा के इस दौरे में ना केवल चुनावी राणनीति तैयार होगी बल्कि लक्ष्य आधारित कार्यक्रम भी निर्धारित होंगे , जिसके बाद में जहां विपक्षी किसी व्यक्ति के कारण ,या अन्य कारणों से मजबूत हैं उसका हल निकाला जायेगा , इस आयोजन के बाद कई मजबूत विपक्षी नेताओ को कमलम में प्रवेश कराया जायेगा , जिसमे कई वर्तमान विधायक भी शामिल है , तो कई जातीय नेता है।
एक भाजपा नेता मुस्कुरा कर कहते है , लक्ष्य हासिल करने के रणनीति बदलती रहती है , यह कौन सी बड़ी बात है ,2022 की भाजपा सरकार बनाने के लिए नहीं रिकॉर्ड बनाने के लिए लड़ रही है , वह जोर देकर कहते हैं देखिये आगामी दिनों गुजरात भाजपा कितने नए कार्यक्रम करती है , चुनाव के पहले हर महीने कम से कम एक दौरा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का प्रस्तावित है ,हर मंत्रालय गुजरात के लिहाज से अपनी उपलब्धि को जनता तक ले जायेगा , सरकार और संगठन मिलकर डबल इंजन की ताकत से चुनावी सफर को पार करेंगे।
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