पंजाब में नवजोत सिंघ सिद्धु के इस्तिफे के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है. उसको देख कर कुछ मुद्दे ज़रूर सामने आ रहे हैं. जैसे की राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी की निर्णय शक्ति और कार्यदक्षता पर ज़रूर सवाल उठ रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धु ने यह खुद ज़ाहिर कर दिया है की राहुल और प्रियंका गाँधी एक स्थाई और स्थीर अगुवाई नहीं कर सकते.
केप्टन अमरिंदर सिंह की बतौर पंजाब के सीएम कार्यदक्षता पर सवाल उठ रहे हैं, और उनकी निर्णयशक्ति पर भी सवाल है.
गांधी परिवार ने यह भी बता दिया की उनके संबंध दरबारियों के साथ कैसे है, और दरबारियों के साथ सम्बन्ध का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर पड़ता है. नवजोत सिंह सिद्धु के समबन्ध दरबारियों के साथ अच्छे थे और अमरिंदर सिंह ये करने में नाकामयाब रहे.
गाँधी परिवार की काबिलियत पर भी अब सवाल उठ रहे है. आखिर उन्ही के खेमे में क्या क्या हो रहा है. कांग्रेस हाई कमांड यहाँ काफी कमज़ोर दिख रहा है की उन्ही के नेता कुछ भी ट्विट कर रहे है और पार्टी कुछ भी नहीं कर पा रही है
राहुल कहीं भी जा रहे है, कुछ भी कर रहे हैं, कुछ भी बोल रहे है. सिद्धू उन्ही की पसंद थी लेकिन यहाँ भी लोकतांत्रिकता कहाँ है
क्या यह भाजप या आप की पूर्वनिर्धारित चाल है? जिसमे सिद्धू भी शामिल है?
पिछले कुछ समय से सिद्धु प्रियंका के करीब थे, क्यों सिद्धू को इतना महत्व मिल रहा था यह एक सवाल है. पंजाब में जिस तरह से कांग्रेस सटीक तरीके से टूटती नज़र आ रही है, उसे देखते हुए लगता है की यहाँ प्रियंका और राहुल गाँधी इसके ज़िम्मेदार हैं, उनकी राजनैतिक समज पर सवाल उठ खड़े हुए हैं
क्या राहुल उनकी नाकामियाबियों को न्याय दे पाएंगे?
जो कुछ भी हो, यहाँ केप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस की स्थिति को देख कर हंसने का मौका मिला है. कांग्रेस हाइकमांड ने फिर से यह साबित कर दिया है की 2014 और 2019 में आई चुनौतियों से कांग्रेस लड़ नहीं सकती. वो अब तक नहीं उबर पाई है इन चुनौतियों से. और सबसे महत्वपूर्ण बात की कुछ भी हो बीजेपी को कांग्रेस पर हसने के दस बहाने मिल गए हैं.
अब क्या केप्टन अमरिंदर सिंघ भाजपा के अमित शाह और जे पी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री मंडल में स्थान लेंगे या फिर कांग्रेस में रह कर संगठन की ज़िम्मेदारी संभालेंगे?
पार्टी के सीनियर नेतृत्व को साथ लिए बगेर “दुखी आत्माओ” को शामिल करने से कांग्रेस की यह हालत हुई है. लेकिन सवाल यह है की इस पूरी घटना में प्रशांत किशोर की क्या भूमिका रही है?