यूक्रेन की गणितज्ञ मैरीना वियाजोवस्का को प्रतिष्ठित फील्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया है। फिल्ड्स मेडल को गणित का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। यह सम्मान प्रत्येक चार साल पर 40 साल से कम उम्र के गणितज्ञों को दिया जाता है।
यह सम्मान पांच जुलाई को मैरीना समेत चार लोगों को दिया गया। इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ मैथमेटिशियन ने कहा कि लुसाने स्थित स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यरत वियाजोवस्का ने एक समान गोलों को अष्ट आयामी ढांचे में बहुत ही सघन अवस्था में रखने की दिशा में कार्य किया है। अन्य विजेताओं में जिनेवा विश्वविद्यालय के फ्रांसीसी गणितज्ञ ह्यूगो डुमिनिल-कोपिन, प्रिंसटन के कोरियाई-अमेरिकी गणितज्ञ जून हुह और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ब्रिटिश गणितज्ञ जेम्स मेनार्ड शामिल हैं।
फील्ड्स मेडल हर चार साल में दिया जाता है और नामों की घोषणा आमतौर पर गणितज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में की जाती है। इसे रूस में आयोजित किया जाना था, लेकिन हेलसिंकी, फिनलैंड में स्थानांतरित कर दिया गया। पहला फील्ड मेडल 1936 में दिया गया था और 1950 से हर चार साल में दिया जाता है।
कौन हैं मैरीना वियाजोवस्का?
वियाजोवस्का का जन्म 1984 में यूक्रेन के कीव में हुआ था, जो उस समय सोवियत संघ का हिस्सा था। वह 2017 से स्विट्जरलैंड में इकोले पॉलीटेक्निक फेडरेल डी लॉजेन में प्रोफेसर हैं। उन्हें सदियों पुरानी गणितीय समस्या, “स्फीयर पैकिंग समस्या” को हल करने के लिए सम्मानित किया गया है। इस तरह उन्होंने एक समान गोलों को अष्ट आयामी ढांचे में बहुत ही सघन अवस्था में रखने की दिशा में कार्य किया है। यह समस्या 16वीं शताब्दी की है।
जब वियाजोवस्का कीव के तारास शेवचेंको राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में छात्रा थी, तब उन्होंने चार साल तक विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता में भाग लिया। वह 2002 और 2005 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों में से एक थीं।
उन्होंने कैसरस्लॉटर्न विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और 2013 में बॉन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।