कांग्रेस पूर्ण अधिवेशन के आखिरी दिन पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मेरी उम्र 52 साल हो जाने के बावजूद मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है. उन्होंने यहां से भी अडानी का मामला उठाते हुए पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि अडानी की कंपनियों को फायदा हुआ. देश का सारा रुपया एक कंपनी के पास आ गया। उन्होंने कहा कि जब वे जम्मू-कश्मीर आए तो उन्हें ऐसा लगा जैसे यह मेरा घर है. हमने हजारों लोगों के साथ मिलकर तिरंगा फहराया।
वायनाड संसद राहुल गांधी ने इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों को भी साझा किया. राहुल ने कहा- मैंने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की. भले ही वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा हो, लेकिन असल में हमारे साथ लाखों लोग चले. हर मौसम बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले. पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला, तब मैंने उसके हाथ पकड़े और उसकी सालों की तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया. हम सत्याग्रही हैं और भाजपा-आरएसएस वाले ‘सत्ताग्रही’ हैं.
राहुल गांधी ने इस दौरान अपनी एक कॉलेज की घटना का जिक्र किया और कहा कि एक पुरानी चोट थी, जो कॉलेज में फुटबॉल खेलते समय घुटने में लगी थी। सालों से उस चोट में दर्द नहीं था लेकिन जैसे ही यात्रा शुरू की, अचानक दर्द वापस आ गया। उन्होने कहा कि आप (कार्यकर्ता) मेरे परिवार हो, इसलिए आपसे कह सकता हूं। सुबह उठकर सोचता था कि कैसे चला जाए. फिर सोचता था कि 25 किलोमीटर की नहीं, 3 हजार 500 किलोमीटर की बात है। कैसे चलूंगा?
उन्होंने आगे कहा मैं लाखों किसानों से हाथ मिलाता था, उन्हें गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था. शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं और क्या- क्या मुश्किलें हैं. एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था. जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो खुद ही समझ लेते थे.’ इसी के साथ राहुल ने कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं. रोज सोचता था कि कैसे 3500 किसी चलूंगा लेकिन शुरुआती 15 दिन में मेरी सोच बदल गई. अपनी यात्रा के दौरान मुझे देश देखने को मिला. मैंने इस यात्रा से बहुत कुछ सीखा.
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