केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वाइस (VICE) न्यूज के पत्रकार अंगद सिंह 2020 में ‘इंडिया बर्निंग’ नाम की डॉक्यूमेंट्री में भारत को निगेटिव तरीके से दिखाया था। इसलिए भारतीय विदेशी नागरिक (OCI)) कार्ड होने के बावजूद उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। सिंह को पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली से न्यूयॉर्क वापस भेज दिया गया था। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पेश वकील अनुराग अहलूवालिया ने विदेश मंत्रालय के निर्देशों को रिकॉर्ड पर रखने के लिए समय मांगा। कहा कि वह इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि सिंह का ओसीआई कार्ड रद्द करने से पहले “कोई कारण बताओ नोटिस या कोई कार्यवाही शुरू की गई है या नहीं।” अदालत ने अगली सुनवाई 28 फरवरी को तय करते हुए दो सप्ताह के भीतर हलफनामे के जरिये यह बता देने को कहा।
सिंह की ओर से पेश वकील स्वाति सुकुमार ने कहा कि नागरिकता कानून के तहत ओसीआई कार्ट वालों को धारा 7बी(2) के तहत कुछ अधिकारों को छोड़कर भारतीय संविधान के सभी अधिकार हासिल हैं। उन्होंने कहा कि धारा 7डी के तहत ओसीआई कार्ड रद्द नहीं किए जा सकते। इसे रद्द करने का कोई आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता, जब तक कि कार्डधारक को सुनवाई का उचित मौका नहीं दिया जाता। वकील ने दावा कि अंगद सिंह का ओसीआई कार्ड अब भी वैध है। लेकिन केंद्र द्वारा दायर जवाबी हलफनामे (affidavit) के अनुसार उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। हालांकि उनका ओसीआई कार्ड रद्द नहीं किया गया है।
सिंह का ओसीआई कार्ड शुरू में मार्च 2007 में जारी किया गया था और 29 अगस्त, 2018 को इसे रेन्यू किया गया था। अदालत ने कहा कि सिंह ने उन्हें विशेष परमिट देने और भारत में प्रवेश करने की अनुमति देने से इनकार करने को चुनौती दी है।
हाई कोर्ट ने देखा, “वह वाइस न्यूज में कार्यरत एक पत्रकार हैं और उन्होंने जनवरी 2020 में गणतंत्र दिवस समारोह के साथ-साथ भारत में अन्य कार्यक्रमों के लिए भारत में शूटिंग की अनुमति के लिए आवेदन किया था। उन्हें मार्च 2020 में किसी समय एक डॉक्यूमेंट्री फिल्माने के लिए न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास (consulate general of India) द्वारा 14 जनवरी, 2020 को एक परमिट जारी किया गया था। 30 जनवरी, 2020 को फिर से प्रदान किया गया। जारी की गई दोनों एनओसी कुछ नियमों और शर्तों के अधीन थीं।
यह ध्यान दिया गया कि 2021 में किसी समय सिंह ने फिर से भारत आने और रॉकेट लॉन्च को कवर करने और कुछ इंटरव्यू करने के लिए विशेष परमिट के लिए आवेदन किया। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सिंह ने फिर सितंबर-अक्टूबर 2021 में फूड शो के लिए आवेदन किया, लेकिन इस परमिट को एक लाइन में इनकार करते हुए खारिज कर दिया गया।
अदालत ने कहा कि 2022 के अगस्त में सिंह व्यक्तिगत यात्रा पर भारत आना चाहते थे, क्योंकि उनकी जड़ें और रिश्तेदार भारत में हैं। वह देश के धार्मिक स्थलों में भी जाना चाहता थे। हालांकि, 23 अगस्त, 2022 को भारत आने पर उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया।
सुकुमार ने कहा कि ओसीआई कार्डधारक को उसके कार्ड को रद्द करने के लिए आदेश देने से पहले सुनवाई का उचित अवसर दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सिंह को कभी भी यह नहीं बताया गया कि उन्हें फूड शो के लिए अनुमति देने से इनकार क्यों किया गया। इसके अलावा, अगस्त 2022 में उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति देने का कारण भी नहीं बताया गया।
केंद्र के अनुसार, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय द्वारा एक हलफनामा दायर किया गया है जिसमें कहा गया है कि “सिंह एक काली सूची का विषय है जिसे भारत के महावाणिज्य दूतावास के कहने पर इस टिप्पणी के साथ काली सूची में डाल दिया गया था कि यदि वह कभी भारत आता है, तो उसे नहीं आना चाहिए। भारत में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी और महावाणिज्य दूतावास को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी”।
केंद्र के हलफनामे के अनुसार, सिंह ने “2020 में पत्रकारिता वीजा पाने के लिए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था और इंडिया बर्निंग नामक एक डॉक्यूमेंट्री में भारत को निगेटिव तरीके से दिखाया था।” केंद्र सरकार के वकील अनुराग अहलूवालिया ने बताया कि सिंह ने विदेशियों के लिए 1948 की धारा 11ए को तोड़ा है। किसी विदेशी को केंद्र से लिखित अनुमति के बिना किसी भी तस्वीर, फिल्म या डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करने से रोकता है। वह पत्रकार वीजा पर व्यक्तिगत यात्रा कर रहे थे। सिंह ने उन्हें भारत में प्रवेश से रोकने को अवैध बताया है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के उल्लंघन के रूप में चुनौती दी है।
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