कहना न होगा कि भारतीय बच्चों पर कुछ कर दिखाने का दबाव माता-पिता की ओर से सबसे अधिक रहता है। इससे कई हद से भी आगे चले जाते हैं। इसका ही उदाहरण है 24 वर्षीया एक लॉ स्टूडेंट, जो पुलिस अधिकारी बनने की पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए कानून तोड़ती चली गई।
बर्दी पहनने के पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए उसने सीधे रास्ते चलने के बजाय उलटी राह पकड़ ली। वह भी तब, जब पिता जीवित थे। उसने उन्हें खुश करने के लिए नकली परीक्षा परिणाम और गुजरात पुलिस का फर्जी नियुक्ति पत्र घर भेज दिया।
हालांकि, सोमवार को गांधीनगर में करई पुलिस अकादमी में जब उसने इसे आगे बढ़ाने की कोशिश की, तो वहां किस्मत ने साथ नहीं दिया। उसके सभी दस्तावेज हाथ से लिखे थे। इसे देखकर गार्ड को शक हुआ। उसने प्रवेश देने से पहले वेरीफिकेशन के लिए एक अधिकारी को बुला लिया। उन्होंने सभी कागजात फर्जी पाए।
इसके बाद दाभोदा थाने के में एफआईआर दर्ज करा दी गई। एक पुलिस अधिकारी कहा “न केवल कागजात फर्जी थे, बल्कि उसने ज्वाइनिंग लेटर पर डीजीपी विकास सहाय के दस्तखत भी नकली किए थे। उसके पेपर में जून 2022 में ही पीएसआई परीक्षा को पास करने का दावा किया गया था।”
वेजलपुर में मिलन पार्क सोसाइटी की निवासी महिला ने पूछताछ में फर्जी कागजात होने की बात स्वीकार की। वह यह कहते हुए टूट गई कि उसके पिता एक पंडित थे, जो साधारण पूजा-पाठ करके परिवार चला रहे थे। वह वास्तव में बेटी को वर्दी में देखना चाहते थे। महिला ने बताया कि वह उन्हें ठगने के लिए उनके साथ परीक्षा केंद्र तक भी गई। हालांकि सेंटर पर कहीं छिपकर परीक्षा से बच गई, जबकि उसके पिता बाहर खड़े थे।
उसने यह भी बताया कि कैसे “सिर्फ अपने माता-पिता को खुश करने के लिए,” उसने नकली और जाली नियुक्ति पत्र घर भेजने की पूरी योजना तैयार की।
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