वड़ोदरा की क्षमा बिंदु ने किया देश का पहला आत्मविवाह - Vibes Of India

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वड़ोदरा की क्षमा बिंदु ने किया देश का पहला आत्मविवाह

| Updated: June 9, 2022 11:55

  • पंडित तैयार नहीं हुआ तो ब्लू टूथ पर मंत्र बजाकर लिए विवाह के फेरे
  • विरोध को देखते हुए दो दिन पहले कर लिया आत्मविवाह

वडोदरा की क्षमा बिंदु ने आखिरकार आत्मविवाह करके देश में स्वविवाह करने वाली पहली महिला बन गयी। तमामविरोध को किनारे करते हुए उन्होंने निर्धारित तारीख से दो दिन पहले ही आत्मविवाह कर लिया . उन्होंने कई लोगों की मौजूदगी में घर पर ही शादी की रस्म अदा की। क्षमा ने हल्दी सेरेमनी से लेकर सात फेरे तक की रस्में निभाईं। स्व-विवाह के बढ़ते विरोध के कारण नियत तारीख से ठीक दो दिन पहले ही घर पर ही शादी कर ली थी। देश में पहली बार स्व-विवाह हुआ है और क्षमा स्व-विवाह करने वाली देश की पहली महिला बन गई है।

क्षमा ने इससे पहले 11 जून को अपनी शादी की घोषणा की थी

क्षमा बिंदू ने 8 जून की शाम अपने घर में आत्मविवाह किया । क्षमा बिंदु ने इससे पहले 11 जून को अपनी शादी की घोषणा की थी। भाजपा नेता सुनीता शुक्ला ने क्षमा की अनोखी शादी को हिन्दू धर्म के खिलाफ बताते हुए विरोध की घोषणा की थी। मंदिर में स्व-विवाह के विरोध में होने के कारण उन्होंने घर पर ही शादी कर ली। 8 से 10 दोस्तों की मौजूदगी में हुई विवाह की रस्म को अदा किया , जब पुजारी नहीं मिला तो उसने ब्लू टूथ पर मंत्र बजाकर विवाह के फेरे लिए । इस प्रकार, क्षमा ने विरोध के डर से चुपके से आत्म विवाह कर लिया है।

हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, जैसे दूल्हा और दुल्हन होते हैं, वैसे ही दूल्हा और दुल्हन भी होते हैं। इस पल को खास बनाने के लिए उन्होंने खुद को आईने में देखा। उसे जीवन में एक आदमी की जरूरत नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह शादी भारत में वैध है।

मनोचिकित्सक के अनुसार यह कोई मानसिक विकार नहीं


मनोचिकित्सक के अनुसार यह कोई मानसिक विकार नहीं है लेकिन क्षमा ने जो किया है वह आत्म-प्रेम है और यह स्पष्ट है कि वह एक थका व्यक्ति है। वह शादी की प्रक्रिया का आनंद लेना चाहती है लेकिन जीवन में व्यक्ति का नहीं। मानसिक रूप से दृढ़ था कि वह चाहता है कि लोग उस पर ध्यान दें। साथ ही क्षमा की बात मनोविकृति नहीं है और न ही यह मानसिक वृत्ति है। यह कहा जा सकता है कि यह एक तरह का अलग व्यवहार है। साथ ही यह नहीं कहा जा सकता कि वह समाज से अलग व्यक्ति हैं। जब हमने पहली बार समलैंगिक विवाह के बारे में सुना तो हम चौंक गए। उनका व्यवहार केवल समाज से भिन्न होता है।

समाज में जो हो रहा है वह पागलपन है- ज्योतिनाथ महाराज

इस विवाह के बारे में ज्योतिनाथ महाराज ने कहा, समाज में जो हो रहा है वह पागलपन है। यह कोई विकृति नहीं है, आज के युवाओं में हर कोई ट्रेंड करना पसंद करता है। शेष हिंदू व्यवस्था में 8 प्रकार के विवाह होते हैं, जिनमें इस विवाह की अनुमति नहीं है।

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