मॉनसून सत्र के दूसरे दिन दोनों ही सदनों में भारी हंगामा हुआ। विपक्ष ने पेगासस रिपोर्ट और नये कृषि कानूनों को लेकर सदन का कार्यवाही में बाधा डाली। इसकी वजह से दोनों सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ये कृषि कानून फायदेमंद हैं और किसानों के पक्ष में हैं। अगर वे बिंदुवार कानूनों के साथ अपने मुद्दों को व्यक्त करते हैं, तो हम इस पर चर्चा कर सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। राज्यसभा में स्थिति और बुरी हो गई, जब टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने पेगासस मुद्दे पर जवाब दे रहे आईटी मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ दिया। इस पर बीजेपी और टीएमसी सांसद आपस में भिड़ गये। स्थिति नियंत्रित करने के लिए मार्शल को बीच-बचाव करना पड़ा। हंगामे की वजह से शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं चल सके। बाद में लोकसभा की कार्रवाई अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्य सभा में भी बवाल
गुरुवार को राज्यसभा में पेगासस मामले में विपक्ष के हंगामे के बाद दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करने के बाद भाजपा और टीएमसी के सांसद आपस में ही भिड़ गए। राज्यसभा में पेगासस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव सरकार का पक्ष रख रहे थे, तभी टीएमसी सांसद शांतनु सेन और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी में गरमागरम बहस शुरू हो गई। इसके बाद टीएमसी सदस्यों ने आईटी मंत्री के हाथों से कागजात छीनकर फाड़ दिए। इसके बाद भाजपा और टीएमसी के सांसद आपस में भिड़ गए। बीच-बचाव के लिए मार्शल को हस्तक्षेप करना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ।
इसके पहले, विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक को दो बार के लिए स्थगित करना पड़ा। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा। वैष्णव ने बयान की शुरुआत की ही थी कि हंगामा और तेज हो गया और उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। इस पर उपसभापति ने केंद्रीय मंत्री से बयान को सदन के पटल पर रखने का आग्रह किया। उनकेे ऐसा करते ही उपसभापति ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.