केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के बोटाड जिले के सालंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रतिमा को स्वामी ज्ञानजीवनदास के मार्गदर्शन में डिजाइन किया गया है। शाह भाजपा के 44 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपने गृह राज्य में थे ।
प्रतिमा 1,35,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में सारंगपुर मंदिर के पिछवाड़े में बनाई गई है। मंदिर हनुमान के एक रूप भगवान कष्टभंजन को समर्पित है।
विशाल प्रतिमा का वजन लगभग 30,000 किलोग्राम है और यह सात किलोमीटर की दूरी से दिखाई देती है। इसके निर्माण में पांच अलग-अलग धातुओं का इस्तेमाल किया गया था और मूर्ति का कुल व्यास 754 फीट है। आंतरिक संरचना स्टील से बनी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके निर्माण में 3डी प्रिंटर, 3डी राउटर और सीएनसी मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। मूर्ति को भूकंपरोधी बनाया गया है।
हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने परिवार के साथ ‘किंग आफ सारंगपुर ‘ के दर्शन करने बोटाद पहुंचे. गृह मंत्री अमित शाह ने हनुमान दादा के चरणों में माथा टेका और दर्शन किए। इसके बाद अमित शाह ने सलंगपुर मंदिर में 55 करोड़ रुपये की लागत से बने भोजनालय का उद्घाटन किया.
बोटाद स्थित सलंगपुर हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर भव्य आयोजन किया गया। कष्टभंजन देव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गई। मंदिर परिसर ‘सियावर रामचंद्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारों से गुंजायमान रहा। गृह मंत्री के आने के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे।
गुजरात का सबसे बड़ा हाईटेक भोजनालय बोटाद के सालंगपुर में बनाया गया है। इस भोजनालय को बनाने के लिए कुल 55 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस भोजनालय में एक साथ 4 हजार श्रद्धालु भोजन कर सकें, इसकी व्यवस्था की गई है। यह हाईटेक श्री कष्टभंजन भोजनालय कुल 7 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। भोजनालय में 4550 वर्ग फुट का विशाल रसोईघर है। जिसमें 1 घंटे में 20 हजार से ज्यादा लोगों का खाना बनाया जा सकता है. बिना गैस-बिजली और लाइट के थर्मल बेस से खाना बनाया जाएगा। भोजनालय में कुल 7 डाइनिंग हॉल हैं। 30,060 वर्ग फीट में पहली और दूसरी मंजिल पर 2 बड़े डाइनिंग हॉल बनाए गए हैं। रेस्टोरेंट में कुल 79 कमरे बनाए गए हैं। जिसमे भक्त निवास कर सकते हैं।
गुजरात के भावनगर के सालंगपुर (Salangpur) में विराजमान कष्ट भंजन हनुमान जी यहां महाराजाधिराज के नाम से राज्य करते हैं।इस सालंगपुर धाम की विशेषता यही है कि यहां स्वामी नारायण भगवान् के महान संत ऐश्वर्य मूर्ति गुरुदेव गोपालन स्वामी ने यहां के लोगों के दुःख दूर करने के लिए, कष्टों को दूर करने के लिए, लोगों की व्याधि को दूर करने के लिए एक ऐसे देव को प्रस्थापित किया जिनका नाम कष्ट भंजन हनुमान (Sarangpur Hanuman) जी महाराज है।
गुजरात का सारंगपुर महज तीन हजार की आबादी वाला एक छोटा सा गाँव है जो गुजरात के शहर भावनगर से 82 और अहमदाबाद से करीब 153 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां आने के लिए बस सेवा और प्राइवेट व्हीकल आसानी से उपलब्ध रहते हैं।
सालंगपुर के ज्यादातर लोग स्वामी नारायण संप्रदाय से जुड़े हुए हैं लेकिन यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है कष्ट भंजन देव का अति भव्य मंदिर। किसी राजदरबार की तरह सजे सुन्दर मंदिर के विशाल और भव्य मंडप के बीच 45 किलो सोने और 95 किलो चांदी से बने एक सुन्दर सिंहासन पर पवनपुत्र विराजमान होकर अपने भक्तों की हर मुरादें पूरी करते हैं। इनके शीश पर हीरे जवाहरात का मुकुट है और निकट ही रखी गदा भी स्वर्ण निर्मित है।
तकरीबन 170 साल पुराने इस Sarangpur Hanuman मन्दिर की विशेषता यह है कि इसकी स्थापना भगवान् श्री स्वामी नारायण के अनुयायी परम पूज्य श्री गोपालानन्द स्वामी जी के द्वारा हुई थी।
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