ब्रिटेन की एक महिला को 100 से अधिक ड्राइविंग टेस्ट में बैठने के लिए गिरफ्तार किया गया है। वेल्स की 29 वर्षीय इंद्रजीत कौर ने 2018 और 2020 के बीच 150 से भी ज्यादा लोगों के ड्राइविंग टेस्ट दे चुकी है। इद्रजीत कौर नाम की यह महिला उन लोगों के लिए टेस्ट देती थी, जिन्हें अंग्रेजी में टेस्ट और प्रैक्टिकल टेस्ट देने में परेशानी होती थी। जज ह्यू रीस ने अदालत को बताया कि वह इस फर्जीवाड़े से शायद 120,000 पाउंड (1.14 करोड़ भारतीय रुपये से अधिक) की कमाई की है। साथ ही ब्रिटेन की सड़कों पर अयोग्य और मूर्ख ड्राइवरों को उतार चुकी है।
स्वानसी क्राउन कोर्ट ने कहा कि कौर ने इंग्लैंड और वेल्स में बर्मिंघम, कार्मार्थन, स्वानसी और लंदन के आसपास अपराध किए। दक्षिण वेल्स में जासूसों द्वारा जांच केंद्रों पर संदिग्ध कर्मचारियों की जांच शुरू की गई थी। यह जानने के लिए कि वे ड्राइविंग टेस्ट सही-सही ले रहे हैं या नहीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सदर्न वेल्स की क्षेत्रीय संगठित अपराध इकाई टैरियन ने पाया कि वह उन आवेदकों के लिए ड्राइविंग टेस्ट में बैठने की पेशकश कर रही थी, जिन्हें अंग्रेजी भाषा में कठिनाई थी।
मुकदमा चलाने वाले जेम्स हार्टसन ने अदालत को बताया, “ड्राइविंग परीक्षण केवल अंग्रेजी, वेल्श या सांकेतिक भाषा में लिया जाना है। इसमें कोई दुभाषिया टेस्ट देने वाले व्यक्ति के साथ नहीं जा सकता है।”
ड्राइवर और वाहन मानक एजेंसी (डीवीएसए) के अनुसार, जब कोई आवेदक घर से सैकड़ों मील दूर ड्राइविंग परीक्षा देने के लिए कहता है, तो यह धोखाधड़ी का संदेह पैदा करता है। तब जांच करने पर ड्राइविंग टेस्ट कराने वाले कर्मचारियों को शक हुआ था कि वह शख्स नहीं है, जिसका टेस्ट होना है। इसके बाद इंद्रजीत कौर के बारे में जांच की गई।
जांच का नेतृत्व करने वाले डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर स्टीवन मैलोनी ने कहा: “कौर ने जो अपराध किए हैं, वे ड्राइविंग टेस्ट प्रक्रिया को ही दरकिनार कर देते हैं और बदले में अकुशल और खतरनाक ड्राइवरों को वैध लाइसेंस रखने की अनुमति देकर सड़क पर चलने वाले निर्दोष लोगों की जान को जोखिम में डाल देते हैं।”