वॉशिंगटन, डी.सी.: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपनी ‘रिसीप्रोकल टैरिफ’ (प्रतिशोधी शुल्क) नीति पर 90 दिनों के लिए विराम लगाने की घोषणा की — यह निर्णय उस नीति के लागू होने के महज 24 घंटे बाद आया है। इस अचानक फैसले ने वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है और एक संभावित वैश्विक मंदी को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
हालांकि, चीन को इस छूट से बाहर रखा गया है। ट्रंप ने चीनी सामानों पर टैरिफ को 104% से बढ़ाकर सीधे 125% कर दिया, जिससे व्यापार तनाव और गहरा गया।
“मैंने 90 दिन का विराम उन देशों के लिए रखा है जिन्होंने पलटवार नहीं किया, क्योंकि मैंने पहले ही कह दिया था कि अगर कोई देश पलटवार करेगा तो हम शुल्क को दोगुना कर देंगे,” ट्रंप ने चीन पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा।
चीन ने दिया कड़ा जवाब
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन ने अमेरिका के इस कदम को हल्के में नहीं लिया। बीजिंग ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 34% से बढ़ाकर 84% कर दिया और घोषणा की कि वह “आखिरी दम तक लड़ाई” जारी रखेगा।
व्हाइट हाउस ने भी मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक कड़ा संदेश जारी किया: “पलटवार मत करो, इनाम मिलेगा।”
टैरिफ विराम के पीछे क्या है वजह?
ट्रंप ने बताया कि 75 से अधिक देशों ने अमेरिका के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की, इसलिए उन्होंने इस टैरिफ पर 90 दिनों का विराम लगाने का फैसला किया। इस अवधि में अमेरिका इन देशों के साथ व्यापार, टैरिफ, मुद्रा हेरफेर और गैर-राजकोषीय प्रतिबंधों पर बातचीत करेगा।
“75 से अधिक देशों ने अमेरिका के प्रतिनिधियों से संपर्क किया है और उन्होंने किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं की है। इसी आधार पर मैंने 90 दिन के PAUSE की अनुमति दी है,” ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा।
इस दौरान, अमेरिका इन देशों पर केवल 10% का कम टैरिफ लगाएगा।
उन्होंने इसे लचीलेपन की मिसाल बताते हुए कहा:
“कभी-कभी दीवार के नीचे से, चारों ओर से या ऊपर से जाना पड़ता है। आपको लचीलापन रखना होता है।”
चीन पर ट्रंप की सीधी चोट
चीन पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले को ट्रंप ने उस देश की “वैश्विक बाजारों के प्रति असम्मानजनक रवैये” का जवाब बताया।
“चीन और अन्य देशों द्वारा अमेरिका को लगातार ठगने का दौर अब और नहीं चलेगा। यह अस्वीकार्य है,” उन्होंने कहा।
ट्रंप की इस घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में उछाल देखा गया। S&P 500 इंडेक्स लगभग 7% तक चढ़ गया।
चीन अडिग, WTO में की शिकायत
ट्रंप की चेतावनी के बावजूद चीन झुका नहीं। उसने कई अमेरिकी कंपनियों पर निर्यात प्रतिबंध लगाए और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने पहले ही कहा था:
“अगर अमेरिका अपनी आक्रामक व्यापार नीति को जारी रखता है, तो चीन के पास जवाबी कार्रवाई के लिए पर्याप्त साधन और मजबूत इच्छाशक्ति है।”
वैश्विक स्तर पर बढ़ता टकराव
ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब यूरोपीय संघ, चीन और कनाडा समेत कई देशों ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह अगले सप्ताह से अमेरिकी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अब वैश्विक व्यापार युद्ध को सीमित कर केवल अमेरिका बनाम चीन के संघर्ष में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
जैसे-जैसे यह टकराव बढ़ता जा रहा है, वैश्विक अर्थव्यवस्था और निवेशकों की नजरें अब वॉशिंगटन और बीजिंग के हर अगले कदम पर टिकी हैं।