अक्षरधाम के निर्माता महंत स्वामी महाराज को “की टू द सीटी” अवार्ड
विश्वभर में 1200 मंदिरों के निर्माता व अमेरिका में अक्षरधाम (Akshardham) के संकल्पकर्ताप्रमुखस्वामी महाराज के जीवन सूत्र “दूसरों के सुख में अपना सुख” के आधार पर आज शनिवार, शाम के कार्यक्रम में, बीएपीएस स्वामिनारायण अक्षरधाम के निर्माण में भगवान स्वामिनारायण के प्रति उनकी नि:स्वार्थ सेवा भक्ति का सम्मान किया गया।
यह भावपूर्ण सभा 8 अक्टूबर, 2023 को अक्षरधाम (Akshardham) के भव्य उद्घाटन की प्रस्तावना के रूप में हुई। बीएपीएस के वर्तमान आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन पर अपने उन्नत विचार प्रस्तुत किए। उल्लेखनीय है कि यहाँ की सरकार ने रोबिन्स्विले शहर का “की टू द सीटी” अवार्ड महंतस्वामी महाराज को अर्पण कर अपनी कृतज्ञता अर्पित की।
प्रमुखस्वामी महाराज का जीवन निःस्वार्थ सेवा और भक्ति की परिवर्तनकारी शक्ति का एक अद्भुत प्रमाण था। कई संतों ने प्रमुखस्वामी महाराज के साथ अपने अनुभवों को याद किया और उनके जीवन और आध्यात्मिक यात्राओं पर उनके गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला।
अपने व्यक्तत्व के दौरान, पूज्य ज्ञानवत्सलदास स्वामी ने कहा, “प्रमुखस्वामी महाराज मंदिरों के (मास्टर बिल्डर) मुख्य निर्माता थे, इसलिए नहीं कि वे मंदिरों के उद्घाटन के लिए जाते थे, बल्कि इसलिए कि वे शुरू से अंत तक की पूरी प्रक्रिया में शामिल रहते थे। न केवल मंदिर निर्माण के लिए बल्कि वह उन लोगों के जीवन में भी शामिल थे जो मंदिरों से लाभान्वित होंगे जिससे कि उन्हें समुदाय की जरूरतों के अनुसार बनाया जाए।”
हार्दिक स्मरणों और प्रसंगों ने प्रमुखस्वामी महाराज के असीम स्नेह, विनम्रता और निस्वार्थता सहित उनके अनेक दिव्य गुणों को रेखांकित किया। ये गुण भगवान के साथ उनके आध्यात्मिक संबंध में गहराई से निहित थे, और वे आज भी प्रेरणा के स्रोत के रूप में काम कर रहे हैं।
श्रीमद राजचंद्र मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख, पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी ने, प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन के कई क्षणों को याद करते हुए, जिसमें उन्होंने मंदिरों और साधुओं का निर्माण करके और अनगिनत लोगों के हृदय को स्पर्श कर, सभी के प्रति अपने प्रेम का उदाहरण दिया। उन्होंने आगे कहा, “जिस बात ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वह थी आध्यात्मिक अनुशासनों का पालन करने में उनकी दृढ़ता। उन्होंने कभी भी अपने मूल्यों से समझौता नहीं किया और यही बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।”
कार्यक्रम के दौरान, सम्मानित अतिथियों ने प्रमुखस्वामी महाराज की शिक्षाओं के वैश्विक प्रभाव, मानवता की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और अक्षरधाम (Akshardham) के लिए उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हुए अपनी भावनाओं को साझा किया।
वाशिंगटन डीसी में बहरीन साम्राज्य के दूतावास के उप राजदूत महामहिम यूसुफ अहमद ने बीएपीएस स्वामिनारायण अक्षरधाम पर विचार प्रस्तुत करते हुए कहा, “मुझे यह कहना ही होगा कि यह काफी आश्चर्यजनक है कि यह सुंदर सफेद कमल यहीं गार्डन स्टेट में खिला है। मैं बहरीन साम्राज्य की ओर से आप सभी को शुभकामनाएँ पेश करता हूँ। यह एक ऐतिहासिक अवसर है, और यह मेरा कर्तव्य है कि मैं दूसरों की खुशी का उत्सव मनाने के लिए यहाँ मौजूद रहूँ जैसे कि यह मेरी अपनी निजी खुशी है।”
इलिनोइस के अमेरिकी कांग्रेसी जोनाथन जैक्सन ने अपने भाषण में सभा को संबोधित करते हुए कहा-“[अक्षरधाम] आस्था का मूर्त स्वरूप है, यह भगवान के प्रति श्रृद्धा का मूर्त स्वरूप है, यह वास्तव में विश्वास का कर्मरूप है। यह मंदिर, आपका यह विश्वास जीवंत है, यह फल-फूल रहा है और वह भी अच्छी तरह से।”
न्यू जर्सी के अमेरिकी कांग्रेसी जेफ वान ड्रू, जिन्होंने अक्षरधाम (Akshardham) और महंतस्वामी महाराज दोनों के लिए एक उद्घोषणा प्रस्तुत की, ने इस भाषण के दौरान कहा, “आपने यहाँ जो किया है, मैं उसका सम्मान करता हूँ। यह एक बहुत बड़ा सम्मान है, न केवल न्यू जर्सी राज्य के लिए, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भी।”
महंतस्वामी महाराज ने प्रमुखस्वामी महाराज की आजीवन सेवा प्रतिज्ञा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने प्रमुखस्वामी महाराज की अथक परिश्रम करने, सभी के लिए सुलभ रहते हुए जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने की अद्वितीय क्षमता को याद किया ।
महंतस्वामी महाराज ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा, “प्रमुख स्वामी महाराज का संदेश सरल, फिर भी गहरा था। ‘दूसरों की खुशी में, हमारी खुशी निहित है।’ इतना सरल वाक्यांश, फिर भी इतना शक्तिशाली कि यह दुनिया को बदल सकता है।” बाद में वह आगे कहते हैं, “अक्षरधाम (Akshardham) हमें निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा और मदद करना सिखाता है। अच्छे इंसान बनना, भगवान के आदर्श भक्त बनना और हृदय को अक्षरधाम (Akshardham) की तरह शुद्ध रखना जहाँ भगवान हमेशा के लिए निवास कर सकें।”
अक्षरधाम (Akshardham) प्रमुखस्वामी महाराज की वैश्विक एकता की दृष्टि का साकार स्वरूप है: जो आने वाले सभी लोगों को एक ऐसा स्थान प्रदान करता है जिससे उन्हें अपने जीवन में शांति और प्रेरणा का अनुभव हो। दुनिया भर के स्वयंसेवकों ने उनके इस सपनें को श्रद्धांजलि देते हुए, अक्षरधाम के निर्माण में मदद करने के लिए अपना समय और प्रयास समर्पित किया। प्रमुखस्वामी महाराज की विरासत अक्षरधाम (Akshardham) के माध्यम से जीवित है, जो प्रेम, विश्वास और नि:स्वार्थ सेवा भावना के शाश्वत मूल्यों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।