एक जिला अपने नाम के साथ बहुत कुछ समेटे होता है | कुछ गौरव और कुछ वह निशानिया जिनसे पीछा छुड़ाना ही मकसद हो जाता है | इन्ही दो पाटो को भरने में समय गुजर जाता है | डांग के साथ भी ऐसा ही है | सरकारी आकड़ों में डांग पश्चिमी भारत में गुजरात राज्य के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक जिला है। जिले का प्रशासनिक मुख्यालय अहवा में स्थित है।
डांग का क्षेत्रफल 1,764 वर्ग किमी है और जनसंख्या 228,291 (2011 तक) है।यह गुजरात का सबसे कम आबादी वाला जिला है |योजना आयोग के अनुसार, डांग भारत के 640 जिलों में से सबसे अधिक आर्थिक रूप से संकटग्रस्त जिलों में से एक है। 94% आबादी अनुसूचित जनजातियों में से एक की है। डांग के पांच राजा भारत में एकमात्र वंशानुगत राजघराने हैं, जिनकी उपाधियों को वर्तमान में सरकार द्वारा 1842 में ब्रिटिश राज के दौरान किए गए एक समझौते के कारण मान्यता प्राप्त है। यह एक पहलु जिसमे गरीबी है ,अशिक्षा है और देश के बाकी हिस्सों से असमान अवसर | शिक्षा -स्वास्थ्य की बात होती जब आप जिन्हे के संघर्ष से ऊपर उठ सके | लेकिन इन सबके बीच पथ्थर में पेड़ उगाना इस पहाड़ी जिले की खासियत है | देश – दुनिया को अपने कदमो से पीछे छोड़ने वाला जिला बन गया है डांग | वह भी बिना किसी संसाधन के |
डांग जिले के कुमारबंध में रहने वाले आदिवासी धावक मुरली गावित ने देश-विदेश में कई पदक जीतकर स्पेन में चल रही अंतरराष्ट्रीय दौड़ में 10 किमी की दूरी 28.42 मिनट में पूरी कर देश का गौरव बढ़ाया है.मुरली ने 2019 में पंजाब में 23वें फेडरेशन कप नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीता, पहले दिन 500 मीटर 13.54 मिनट और दूसरे दिन 10000 मीटर 29.21 मिनट में पूरा किया।
कोरोना महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद, उन्होंने स्पेन में दौड़ में भाग लिया, जहां उन्होंने डांग का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाते हुए, केवल 28.42 मिनट में 10 किमी की दौड़ पूरी की।इससे पहले डांग की सरिता गायकवाड़ ने फरवरी 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित ‘आठवीं एशियाई खेलों की टेस्ट इवेंट प्रतियोगिता’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और अपने करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतकर देश को स्वर्ण पदक दिलाया था।
सरिता गायकवाड़ डांग जिले के कराडियाम्बा गांव के एक साधारण किसान आदिवासी परिवार से आती हैं। गौरतलब है कि गुजरात को देश-दुनिया में मशहूर करने वाली गोल्ड मेडलिस्ट धाविका सरिता गायकवाड़ को भी राज्य सरकार ने डीवाईएसपी नियुक्त किया है | यह वह खिलाडी है जिनके पास ना कोई मेंटर है न स्थायी कोच