क्रिप्टो करेंसी जैसी डिजीटल करेंसी में निवेश का हवाला देकर सूरत की बुलट्रॉन कंपनी में निवेश करा कर धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को सायबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है , जबकि मुख्य आरोपी फरार है।
आरोपियो ने ज्यादा लाभ का लालच देकर कई निवेशकों को ठगा होगा इस संभावना पर पुलिस जाँच कर रही है। आरोपी तथा उसके साथी साथ दिन में पैसा दुगना होने का दवा कर अहमदाबाद के लोगो को ठगी का शिकार बनाते थे।
अहमदाबाद तथा सूरत के कई लोग इनके शिकार बने है.
मणीनगर क्षेत्र स्थित हरेकृष्ण फ्लैट में रहने वाले नरेश नागर घर से ऑनलाइन कपडे तथा शेयर ट्रेडिंग का व्यवसाय करते है।हरेकृष्ण पटेल के मुताबिक शेयर बाजार से जुड़े होने के कारण वह अनेक लोगो से मिलते रहते हैं इस दौरान उनके मित्र नवीन पटेल ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना हो तो “ट्रोन्को इन इन्वेस्टमेंट ” की एक स्कीम आयी है।
दोस्तों के मुताबिक सूरत के राजेशभाई लुकी ने बुलट्रॉन नाम की कंपनी ज्वाइन की और मुझे एक आईडी मिली। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनमें निवेश करेंगे।
इस बीच नरेशभाई और उनके दोस्तों ने विभिन्न योजनाओं के लिए ट्रॉन सिक्के खरीदे और कंपनी में बड़ी संख्या में बुलट्रॉन जमा किए।
हालांकि रोके गए सिक्के के हिसाब से मुनाफा ठीक था लेकिन सिक्का वापस नहीं हुआ। अंतत: मुनाफा न लौटाने और सिक्कों को रोके रखने की वजह से साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
अकेले नीलेशभाई को घोटाले में 1.25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जबकि उनके दोस्त रवि पटेल, पिनाकिन रावल, दर्शक बरोट, राजेंद्र पांचाल और कनैयालाल पटेल भी ठगे गए।
उनका पैसा वापस नहीं किया गया है। माना जाता है कि टेवा ने बुलट्रॉन नाम की कंपनी के नाम पर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।
इस संबंध में साइबर क्राइम के एसीपी ने बताया कि इस गिरोह से आरोपी राजू लुखी, अल्ताफ अमरियाली वाधवानिया, विजय शांतिलाल पटेल और जुल्फिकार बरकत अली हलानी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुख्य आरोपी की तलाश जारी है.