गठबंधन सहयोगियों के सनातन विरोधी बयानों पर पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रतिष्ठा पर कांग्रेस पार्टी के रुख से मैं परेशान हूं।
कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) ने कांग्रेस ने सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके कुछ घंटो के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर वल्लभ ने कहा कि, “कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।”
मैं किसी अपराध का भागी नहीं बनना चाहता- गौरव वल्लभ
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे इस्तीफे में गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) ने लिखा कि, “भावुक हूं और मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं और बताना चाहता हूं। लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है। ऐसे में मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।”
पार्टी के हालिया रुख पर अपनी असहजता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि, “सर, मैं एक वित्त प्रोफेसर हूं। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर मुझे राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। मैंने विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख को प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। हालांकि, मैं हाल ही में पार्टी के रुख को लेकर असहज महसूस कर रहा हूं।”
भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर कांग्रेस पार्टी के रूख से परेशान
गठबंधन सहयोगियों के सनातन विरोधी बयानों पर पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रतिष्ठा पर कांग्रेस पार्टी के रुख से मैं परेशान हूं। जन्म से हिंदू और पेशे से शिक्षक होने के नाते, पार्टी का यह रुख पार्टी और उसके गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और इस मामले पर पार्टी की चुप्पी अप्रत्यक्ष स्वीकृति देने जैसी है।
गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) ने आगे कहा कि जब मैंने कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा था तो तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। यहां पर युवा और बौद्धिक लोगों के आइडिया की कद्र होती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती।
कौन हैं गौरव वल्लभ?
साल के गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) जोधपुर जिले के पीपाड़ गांव के रहने वाले हैं। पीपाड़ में प्रारंभिक शिक्षा के बाद गौरव ने पाली के बांगड़ कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद महर्षि दयानन्द सरस्वती यूनिवर्सिटी अजमेर से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से पीएचडी की। एजुकेशन के दौरान गौरव वल्लभ मेधावी छात्र रहे।
कॉलेज के दिनों में हर तरह के कॉम्पिटिशन में वे हिस्सा लेते और अव्वल आते थे। बाद में गौरव जमशेदपुर के एक्सएलआरआई कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। गौरव वल्लभ अर्थव्यवस्था के अच्छे जानकार हैं। वे कांग्रेस से जुड़कर राजनीति में आए। प्रखर वक्ता होने और तर्कशक्ति की नॉलेज के चलते उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमशेदपर पूर्व सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि वे चुनाव जीत नहीं पाए।
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