वडोदरा: पिछले साल उसने क्रिकेट छोड़ने और अपने परिवार की मदद करने के लिए नौकरी करने का मन बना लिया था। इसलिए कि परिवार आर्थिक रूप से गंभीर संकट में था। लेकिन शहजाद पठान के परिवार ने उसे ऐसा नहीं करने दिया। इसका फल मिला। गुरुवार को पठान ने डेब्यू किया, जिसका उसने हमेशा सपना देखा था।
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने बंगाल के खिलाफ बड़ौदा के लिए अपने पहले रणजी मैच में पांच विकेट लिए। वह बड़ौदा से केवल दूसरे गेंदबाज हैं, जिन्होंने तीन दशकों में अपने रणजी पदार्पण (debut) मैच में पांच विकेट हासिल किया है।
पठान ने कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि अपने पहले ही रणजी मैच में पांच विकेट ले लिया है। यह अभी भी एक सपने जैसा लगता है। इसे देखते हुए कि मैंने क्रिकेट छोड़ने का मन लगभग बना ही लिया था।” 27 वर्षीय तेज गेंदबाज ने अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य पिता को 2021 में कोविड-19 के कारण खो दिया।
पठान ने कहा, “हमारा परिवार हमेशा मध्यवर्गीय रहा। लेकिन पिता की मृत्यु के बाद जीवन बहुत कठिन हो गया। बड़े भाई ने कमाने की जिम्मेदारी ली, लेकिन यह काफी नहीं था। ” पठान के परिवार में मां के अलावा एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है।
वह अपने जीवन से इसलिए भी निराश था, क्योंकि अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद प्रथम श्रेणी (first class games) के मैच में ब्रेक नहीं मिल रहा था।
उसने कहा, “मैं 27 साल का हो चुका हूं और मुझे कुछ पारिवारिक जिम्मेदारी उठानी है। इसलिए मैंने इस सीजन में क्रिकेट को अलविदा कह देने का फैसला किया। सौभाग्य से मुझे बंगाल के खिलाफ चुना गया और मैंने अच्छा प्रदर्शन किया।”
मेहसाणा के मूल निवासी पठान ने बहुत कम उम्र में क्रिकेट में कदम रखा था। उसके पिता इस खेल के बहुत शौकीन थे। पठान ने कहा, “मैं क्रिकेट में बेहतर अवसरों के लिए लगभग नौ साल पहले वडोदरा आ गया और अंडर-19 टीमों में खेलना शुरू कर दिया। चोटों ने शुरुआत में मेरे मौके को खराब कर दिया, लेकिन मैंने अपनी शारीरिक ताकत और गेंदबाजी पर काम करना जारी रखा।”
बड़ौदा रणजी टीम के कोच तुषार अरोठे ने कहा “पठान बहुत मेहनती खिलाड़ी है। वह बहुत प्रैक्टिस करता है और अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाए रहता है। हमें अब अपनी टीम में एक प्रतिभाशाली गेंदबाज मिल गया है।”
बता दें कि पिछले तीन दशकों में पठान के अलावा सागर मंगलोरकर ने 2014 में अपने पहले ही रणजी मैच में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ बड़ौदा के लिए छह विकेट लिए थे।
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