गुजरात की राजनीति में साल 2015 के बाद जो राजनीतिक उथल-पुथल मची है,कोई एक दल ही इससे प्रभावित नहीं है , यह बात अलग है की दल बदल की सबसे ज्यादा शिकार इस दौरान कांग्रेस रही है। राजनीतिक दलों के अलावा आंदोलन के बवंडर से हुए खड़े नेताओं ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. 2017 के चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान दलबदल का खुला खेल देखा गया और फिर आंदोलनकारी नेताओं, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों ने भी दलबदल कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए।
इन सभी घटनाओं में हुआ यह कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भूलकर सार्वजनिक बयानबाजी, टिप्पणी और भाषण देने वाले नेता भाजपा में शामिल हो गए.
चाहे वह पाटीदार अनामत आंदोलन के वरुण पटेल हों, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जयराज सिंह परमार हों या कांग्रेस के पूर्व विधायक जवाहर चावड़ा हों या अल्पेश ठाकोर।
जानिए किसने क्या कहा था ।
1- वरुण पटेल-
वरुण पटेल प्रधानमंत्री को सार्वजनिक तौर से जेबकतरा कह कर अपमानित किया था। उन्होंने कहा था
वरुण पटेल ने प्रधानमंत्री को कैंची से संबोधित कर सार्वजनिक रूप से उनका अपमान किया था।
उस समय इन” साहब ” के पास सेवा मर्सिडीज नहीं थी , जिससे सेवा करने उंझा जाते थे। वरुण पटेल ने कहा कि आप चाय बेच रहे थे या वडनगर आने वाले यात्रियों की जेब काट रहे थे। क्योंकि उनके मौजूदा लक्षणों को देखकर लगता है कि उसका काम जेब काटना रहा होगा होगा।
2- जवाहर चावड़ा – प्रधानमंत्री को कहा जाता था दीवाना
कांग्रेस के पांच बार के विधायक, पूर्व मंत्री और माणावदर से विधायक, जो 2019 के चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, ने प्रधानमंत्री की तुलना अपने गांव के एक पागल नंदा से की थी। उन्होंने बंटवा गांव का उदाहरण देते हुए चुनाव की एक जनसभा में कहा कि सद्भावना उपवास की घोषणाओं ने मुझे बंटवा के पागल नंदो की याद दिला दी कि मेरा नंदो मरा नहीं है, मेरा नंदो जिंदा है.
3- अश्विन कोतवाल – हिटलर शासन कहा था
कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विन कोतवाल ने सरकार के कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसे “हिटलर शासन” कहा था और हिटलरवाद को हटाने के नारे लगाए थे । उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस काल में जो भी विकास हुआ उसी के कारण आदिवासी समाज का विकास हुआ ।
4- अल्पेश ठाकोर- रोज 4 लाख मशरूम खाकर सफेद हो गए हैं प्रधानमंत्री!
अल्पेश ठाकोर कांग्रेस से विधायक बने और फिर भाजपा में शामिल हो गए और चुनाव हार गए। अल्पेश ठाकोर ने सीधे प्रहार प्रधानमंत्री के भोजन को लेकर किया था , उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 80,000 रुपये किलो का मशरूम खाते हैं। मोदी साहब रोज 4 लाख रुपये के मशरूम खाकर गोर हो गए हैं पहले मेरी तरह काले थे ।
5- हार्दिक पटेल – मोदी ने उधार लेकर विकसित किया।
हार्दिक ने कहा कि अगर विकास हुआ होता तो स्वास्थ्य और शिक्षा का निजीकरण नहीं होता। साहब ने विकास ने कर्ज लेकर किया है। मैं भाजपा में शामिल नहीं हुआ क्योंकि गांधी की हत्या की थी ,इसलिए उन लोगों के साथ शामिल नहीं हुआ। अगर मेरा जन्म बीजेपी के बनाए अस्पताल में होता तो मैं बीजेपी में शामिल हो जाता।
6- जयराज सिंह परमार -नरेंद्र मोदी इलेक्शन नाइट वॉच मैन
जयराज सिंह परमार ने कहा कि वह चुनाव के समय रात्रि चौकीदार के रूप में आते हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के आधे चैंबर कांग्रेस से भरे हुए हैं, बीजेपी कार्यकर्ता खाली छास बांटने, सीटी मारने और पार्किंग कराने में लगे हैं, उनके ऊपर दया आती है।