एनडीए ने राष्ट्रपति के लिए झारखण्ड की राज्यपाल और उड़ीसा से विधायक रह चुकी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीद्वार घोषित किया है , संख्या बल भी एनडीए के पक्ष में है ऐसे में अगर वह जीतती है तो देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होगी। इसके पहले विपक्ष ने झारखण्ड के ही यशवंत सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मुर्मू के नाम की घोषणा की।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आदिवासी समुदाय पर भाजपा का फोकस है।पार्टी को लगता है कि आदिवासी वोट उसकी योजनाओं की कुंजी है। अभी तक देश में कोई आदिवासी राष्ट्रपति नहीं रहा। इस लिहाज से मुर्मू आदिवासी और महिला, दोनों वर्ग में फिट बैठती हैं। भाजपा कह सकती है कि इसने समुदाय को सशक्त बनाया है और इसका उसे स्पष्ट तौर पर चुनावी लाभ मिल सकता है।
राष्ट्रपति पद को लेकर आदिवासी चेहरा और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम फाइनल हो गया है। वे राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की ओर से संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे नजर आ रही थी । भाजपा इसकी घोषणा बैठक के बाद की है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक द्रोपदी के नाम को लेकर एनडीए के अन्य घटक दल व बीजू जनता दल ने खासतौर से सहमति जताई है।
द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल हैं
ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में जन्मी द्रौपदी मुर्मू झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल होने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं। वह झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल के रूप में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। द्रोपदी 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं। वह झारखंड की नौवीं राज्यपाल रहीं। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल हैं। अपने बेहतर फैसलों को लेकर उन्हें जाना जाता है।
2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक रहीं
द्रौपदी मुर्मू साल 2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक रहीं। वह पहली उड़िया नेता हैंं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनाया गया । वह बीजेपी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री रहीं। 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रही हैं।
द्रौपदी मुर्मू के जीवन से जुड़े रोचक पहलु
- द्रौपदी मुर्मू का 20 जून 1958 को हुआ। वो संथाल आदिवासी हैं। वो ओडिशा के मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव की रहने वाली हैं। द्रौपदी मुर्मू के पति और दो बेटों का निधन हो चुका है। उनकी एक बेटी है जो विवाहित है।
- साल 2000 में वो राजरंगपुर से पहली बार विधायक बनीं। वो इस सीट से दो बार विधायक रहीं।
- ओडिशा की नवीन पटनाय के नेतृत्व वाली भाजपा और बीजू जनता दल (बीजद) की गठबंधन सरकार में साल 2000 से 2004 के बीच कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
- साल 2007 में उन्हें ओडिशा विधान सभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया और नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2002 से 2009 तक मयूरभंज जिले की भाजपा अध्यक्ष रही हैं। साल 2013 में भी वो मयूरभंज की जिला अध्यक्ष रहीं।
- भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रह चुकी हैं।
- द्रौपदी मुर्मू मई 2016 में झारखंड की राज्यपाल बनाई गईं। वो राज्य की पहली महिला राज्यपाल हैं। वो किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी हैं।
- अगर द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनती हैं तो वो ओडिशा से देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी शख्स होंगी। द्रौपदी मुर्मू से पहले वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं।