कोई भी समाज जैसा व्यवहार करता है, वह देश की मनोदशा को दर्शाता है। और, अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं जो कभी-कभी बहुत स्थानीय, यहां तक कि नजर भी नहीं आतीं हैं, फिर भी वह बता देती हैं कि हवा किस तरफ बह रही है।
ऐसा ही एक कार्यक्रम हाल ही में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में हुआ। इसे सत्तारूढ़ भाजपा के वैचारिक संरक्षक (ideological patron) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी कठोर दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (VHP) की महिला शाखा ने किया था। इस कार्यक्रम में युवा हिंदू महिलाओं से हथियार उठाने की अपील की गई।
हम बनाम वेः
वीएचपी की महिला शाखा खुद को दुर्गा वाहिनी कहती है। इसका नाम राक्षसों की संहार करने वाली देवी दुर्गा के नाम पर रखा गया है। वीएचपी का विश्वास है कि मुस्लिम लड़के ‘लव जिहाद’ का इस्तेमाल कर हिंदू लड़कियों को शादी के लिए फंसाते हैं और उनसे इस्लाम कबूल कराते हैं। इसके सदस्यों का यह भी कहना है कि ‘जिहादियों’ का मुकाबला करने के लिए हिंसा सही है।
गांधीनगर के कार्यक्रम में 15 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं ने भाग लिया। कुल 1,000 से अधिक। इस दौरान दर्जनों ‘महिला योद्धाओं’ ने तलवार चलाने के अपने कौशल का प्रदर्शन भी किया।
बोलने वालों ने भाग लेने वालियों से मार्शल आर्ट में प्रशिक्षण, तलवार और चाकू जैसे हथियार चलाने की अपील की। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि खुद को “फंसाने वाली गतिविधियों” से बचाने और इस तरह हिंदू धर्म की रक्षा करके “खुद को ताकतवर” बनाने का आग्रह भी किया।
उद्देश्यः
कार्यक्रम के दौरान वीएचपी के सदस्यों में से एक ने वीओआई से बात की। कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत “पूरी तरह से स्वतंत्र” नहीं हुआ है। उन्होंने “इस्लामी कट्टरता और ईसाई धर्म के निरंतर प्रसार” का हवाला दिया, जिसने “देश की संस्कृति” को खतरे में डाल दिया है। इन प्रमुख बातों के अलावा पश्चिम की अंधी नकल ने युवा पीढ़ी को खानपान, व्यायाम, ध्यान, चिकित्सा, कृषि और विभिन्न विज्ञान जैसे क्षेत्रों में पारंपरिक ज्ञान को छोड़ने के लिए भड़का रहा है। युवा हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। यह आयोजन हिंदू महिलाओं और वास्तव में समाज के सभी वर्गों को हिंदू धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया है।
विहिप और दुर्गा वाहिनी सिर्फ बातें नहीं करतीं; वे जमीनी स्तर पर काम करती हैं। इस तरह के प्रशिक्षण-प्रयोगों के लिए दक्षिणपंथी प्रयोगशाला (right-wing laboratory) बने गुजरात में न केवल हिंदू आबादी बल्कि एनआरआई के बीच भी मजबूत हिंदू भावना को देखते हुए विहिप पिछले 15 वर्षों से महिलाओं को हथियार चलाने का ट्रेनिंग दे रही है।
हर साल दुर्गा वाहिनी गुजरात के हर जिले में लड़कियों और महिलाओं के लिए सप्ताह भर का प्रशिक्षण शिविर लगाती है। वहां आत्मरक्षा और लव जिहाद का मुकाबला करने के बारे में बहुत सारी बातें बताई जाती हैं। इन लड़कियों के माता-पिता को भी सलाह दी जाती है कि वे अपनी लड़कियों को प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें। वीओआई ने गांधीनगर जिले के देहगाम कस्बे की रहने वाली ऐसे ही एक “गौरवशाली माता-पिता” भूमिबेन और अनिल कुमार से बात की। भूमिबेन ने बड़े गर्व से कहा, “हमारी दोनों बेटियां मंच पर तलवारें लिए हुए थीं। हमने यह सुनिश्चित किया है कि वे तलवार और लाठी चलाना सीखें। उनके लिए मार्शल आर्ट को जानना जरूरी है, ताकि दुनिया में जो हो रहा है वह उनके साथ न हो।”
मिसाल कायम करनाः
प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र या कार्यक्रम में विहिप और दुर्गा वाहिनी यह सुनिश्चित करती हैं कि प्रतिभागियों में ‘लव जिहाद’ के उदाहरणों का अभ्यास कराया जाए। श्रद्धा वाकर की जघन्य हत्या और उसके प्रेमी आफताब पूनावाला की ‘भूमिका’, अन्य समुदायों के लड़कों के साथ लड़कियों के भाग जाने और धर्म बदलने के उदाहरण, पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का अपहरण और इस्लाम में परिवर्तित होने के उदाहरण … मामलों की कोई कमी नहीं है।
भाजपा नेता अपने स्तर से भी लव जिहाद से हिंदू महिलाओं की सुरक्षा की बात करते हैं। 20 फरवरी को भाजपा के निलंबित सदस्य और गोशामहल के विधायक टी राजा सिंह ने महाराष्ट्र में एक रैली में लव जिहाद के बारे में बात की। इसमें भीड़ को हर उस मुस्लिम पुरुष की हत्या करने के लिए उकसाया गया, जो किसी हिंदू महिला के साथ रिश्ते में है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की धरती पर कोई लव जिहादी नहीं बचेगा। वे हिंदू महिलाओं को फंसाते हैं और अधिक से अधिक बच्चे पैदा कर उन्हें गुलाम बनाते हैं। वे उनके साथ रेप करते हैं और उनके टुकड़े-टुकड़े कर देते हैं।”
विहिप भी इस धारणा को लेकर उतनी ही मुखर है। वीएचपी के गांधीनगर कोषाध्यक्ष राजेंद्र राजगोरे ने वीओआई को बताया, “हिंदू लड़कियों को फंसाया जा रहा है, प्रताड़ित किया जा रहा है, अपहरण किया जा रहा है … समाज में जागरूकता की जरूरत है। विहिप हमारी लड़कियों और महिलाओं को इस तरह की जागरूकता प्रदान करने की कोशिश कर रही है। हमारा उद्देश्य हिंदू महिलाओं को सशक्त बनाना है।”
हिंदू महिलाओं के साथ डेटिंग के लिए मुस्लिम पुरुषों पर हिंसक हमलों के आरोपों पर उन्होंने कहा, “जब कोई हमसे संपर्क करता है, तो हमारे स्वयंसेवक सच्चाई जानने के लिए जांच करते हैं। अगर वास्तव में कोई महिला परेशानी में है, तो हम मदद करने की कोशिश करते हैं।”
गांधीनगर कार्यक्रम में धनेश्वर महादेव मंदिर से संबद्ध साध्वी कृष्णा गिरिजी ने भाग लिया। गुजरात में दुर्गा वाहिनी के को-ऑर्डिनेटर डॉ यज्ञ जोशी ने इस तरह के और आयोजनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए वीओआई को बताया कि हिंदू महिलाओं को देवी दुर्गा को अपना आदर्श मानना चाहिए। गुजरात और केंद्र में भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद जोशी ने कहा कि “हिंदू विरोधी ताकतों” का मुकाबला करने के लिए और अधिक करने की जरूरत है। जोशी ने कहा, “हमारी बहनों को अपनी रक्षा करना सीखना चाहिए। हमें स्वयं से यह पूछने की आवश्यकता है कि हिन्दू धर्म और इस राष्ट्र के प्रति हमारा क्या फर्ज बनता है? इस तरह की जागरूकता हम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ”
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