केंद्र सरकार द्वारा कपडा में जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत से बढाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय किया है जिससे इस उद्योग के व्यापारी जीएसटी में बढ़ोतरी से परेशान हैं। अहमदाबाद के कपड़ा उद्योग के व्यापारी जीएसटी वृद्धि के बाद सरकार से लड़ने के मूड में हैं। अहमदाबाद के कपड़ा उद्योग और उससे संबद्ध यूनियनों के व्यापारियों ने जीएसटी मुद्दे पर बंद का निर्णय लिया है | मिली जानकारी के मुताबिक 29 दिसंबर की शाम को वे जीएसटी में बढ़ोतरी के विरोध में कैडल मार्च निकालेंगे. साथ ही 30 दिसंबर को अहमदाबाद के कपड़ा व्यापारी बाजार बंद रखेंगे । गारमेंट और रेडीमेड बाजार भी इस हड़ताल में शामिल होंगे | गौरतलब है कि सरकार ने 1 जनवरी से कपड़ों पर जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला किया है। जो आज तक 5% था। यानी एक जनवरी से कपड़ा उद्योग पर जीएसटी का बोझ दोगुना से ज्यादा हो जाएगा टेक्सटाइल पर जीएसटी में 12 फीसदी की बढ़ोतरी से कपड़ों के दाम भी 20 से 25 फीसदी तक बढ़ जाएंगे। यह व्यापारियों को अपनी कार्यशील पूंजी बढ़ाने के लिए मजबूर करेगा। क्योंकि जीएसटी बढ़ने से कच्चे माल की कीमत भी बढ़ेगी। इस बात से कपड़ा कारोबारी नाराज हैं। इस संबंध में उन्होंने सरकार को ज्ञापन भी दिया है।जीएसटी बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में सूरत के व्यापारियों ने भी काली पट्टी बांधने का फैसला किया है। सूरत टेक्सटाइल के व्यापारी गुरुवार को काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन करेंगे। उनके साथ विनिर्माता भी एक घंटे के लिए अपनी फैक्ट्रियां बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस मुद्दे पर सूरत टेक्सटाइल से जुड़े करीब 85 संगठनों ने बैठक की। जिसमें जीएसटी का विरोध करने का निर्णय लिया गया।