केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि एयर इंडिया अब टाटा संस द्वारा चलाई जाएगी। टाटा ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। अब बोली जीतने के 68 साल बाद एयर इंडिया में टाटा की वापसी हुई है।
गौरतलब है कि जिस समय टाटा इंडिया ने 1932 में एयर इंडिया की शुरुआत की थी, उस समय इसका नाम टाटा एयर सर्विस था। J.R.D टाटा इसके संस्थापक थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे एक सरकारी कंपनी बना दिया गया था। आजादी के बाद, सरकार ने 49% हिस्सेदारी खरीदी। जिसके बाद एयर इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बन गई। स्वतंत्रता के बाद, 1953 में, सरकार ने वायु निगम अधिनियम पारित किया और टाटा समूह से बहुमत हिस्सेदारी खरीदी। जिसके बाद कंपनी पूरी तरह से सरकारी कंपनी बन गई।
अब 68 साल बाद स्वदेश लौट रही टाटा संस आखिरकार एयर इंडिया की कमान संभालेगी। सरकार ने चार साल पहले एयर इंडिया को बेचने का फैसला किया था। चार साल बाद एयर इंडिया को टाटा संस ने खरीद कर घरवापसी की है। यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव ने प्रेस कोंफेरेंस में दी थी। हालाकि, एयर इंडिया पर 38,366 करोड़ रुपये का कर्ज था।