1971 के भारत-पाक युद्ध में सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक और निर्णायक जीत बलिदान और वीरता का वो साक्ष्य है, जो हमेशा से हमारे देश के नागरिकों को प्रेरित करता रहा है।
इस विजय को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में “स्वर्णिम विजय वर्ष” के रूप में मनाने के उद्देश्य से, 16 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ को प्रज्वलित कर के देश की चार प्रमुख दिशाओं से जोड़ने के लिए निर्देशित किया था, जिससे हमारे सशस्त्र बलों के इस गौरवशाली इतिहास से हमारे देश के नागरिकों का परिचय हो सकें।
पश्चिमी स्वर्णिम विजय मशाल 29 जुलाई 2021 को गुजरात पहुंची। 17 अगस्त 2021 को यह मशाल प्रसिद्ध साबरमती रिवरफ्रंट, अहमदाबाद पहुंची जहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जे एस नैन, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
इस कार्यक्रम का साक्षी बने युवाओं ने कहा, “हम इस तरह के एक उत्सव का हिस्सा बनकर बेहद रोमांचित और उत्साहित हैं। हम अपने देश के सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदान से बहुत प्रेरित एवं अभिभूत हुए हैं और हमेशा अपने सशस्त्र बलों के साथ खड़े रहेंगे।”
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल और दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने 1971 के युद्ध के पूर्व सैनिकों और वीर नारीओं को सम्मानित किया। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अहमदाबाद के गणमान्य नागरिक और सेना से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।