सूरत: लगभग 30 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग पर काबू पा लिया। हालांकि, पांच मंजिला इमारत की दो मंजिलों पर फिर से आग भड़क उठी, जिससे दमकलकर्मियों को दोबारा राहत कार्य में जुटना पड़ा। इस तरह कई घंटों तक आग दहकने का क्रम जारी रहा. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग अब भी पूरी तरह नहीं बुझ पाई है।
तीन दिनों में तीसरी आग की घटना
यह टेक्सटाइल मार्केट में तीन दिनों में तीसरी आग लगने की घटना है। पहली बार मंगलवार दोपहर को रिंग रोड स्थित मार्केट के निचले बेसमेंट में एक दुकान में आग लगी थी। दमकल कर्मियों को इसे बुझाने में पांच घंटे लगे। हालांकि, बुधवार सुबह 8:20 बजे आग फिर से विभिन्न मंजिलों पर फैल गई।
सूरत दमकल विभाग के सूत्रों के अनुसार, 200 से अधिक दमकलकर्मियों को 10 टीमों में विभाजित कर आग बुझाने के लिए तैनात किया गया था, लेकिन बुधवार को फिर से आग भड़क उठी।
बार-बार आग लगने की संभावित वजह
उप मुख्य दमकल अधिकारी ईश्वर पटेल ने लगातार आग लगने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा, “मुख्य बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया गया था, लेकिन किसी ने जनरेटर के जरिए बिजली चालू कर दी। इससे चिंगारी उठी होगी, जिससे फिर से आग भड़क गई।”
पटेल ने आगे कहा, “मंगलवार को आग केवल निचले बेसमेंट तक सीमित थी, लेकिन बुधवार को यह कई मंजिलों में फैल गई। हमारी टीमों को कई लॉक किए गए क्षेत्रों में जबरन प्रवेश कर आग बुझानी पड़ी।”
चौबीसों घंटे सुरक्षा तैनात
घटना स्थल पर अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए सूरत नगर निगम (SMC) ने सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया। इसके बावजूद, गुरुवार दोपहर 3 बजे चौथी और पांचवीं मंजिल पर फिर से आग भड़क उठी।
सूरत सांसद मुकेश दलाल, महापौर डक्षेश मवानी और SMC स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल ने अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
सुरक्षा उपाय और संरचनात्मक जोखिम
शिव शक्ति मार्केट के पास के दस से अधिक टेक्सटाइल बाजारों को दमकल वाहनों की आवाजाही में सुविधा देने के लिए बंद रखा गया। मुख्य दमकल अधिकारी बसंत पारीक ने कहा, “इस इमारत की संरचनात्मक मजबूती काफी प्रभावित हुई है। कॉलम, बीम, और प्लास्टर कमजोर हो चुके हैं, जिससे अंदर जाना खतरनाक हो सकता है। SMC के संरचनात्मक इंजीनियर जल्द ही इमारत का निरीक्षण करेंगे।”
1995 में बनी इस मार्केट में एक बेसमेंट और पांच मंजिलें हैं, जिसमें 820 से अधिक दुकानें हैं। हालांकि, इसमें अग्नि सुरक्षा लाइन है, लेकिन पानी के छिड़काव की सुविधा नहीं थी।
व्यापारियों को भारी नुकसान
शिव शक्ति मार्केट के व्यापारी नानालाल राठौड़ ने अपनी पीड़ा व्यक्त की, “मैं 1995 से यहां व्यापार कर रहा हूं, लेकिन ऐसी विनाशकारी आग कभी नहीं देखी। मेरी दूसरी मंजिल की दुकान पूरी तरह जल गई, जिससे 20 लाख रुपये की वस्त्र सामग्री, खाता-बही, और बीमा दस्तावेज नष्ट हो गए।”
एकजुटता दिखाते हुए सरोली स्थित साकेत टेक्सटाइल मार्केट के मालिक निर्मल जैन ने शिव शक्ति मार्केट के प्रभावित व्यापारियों को छह महीने से एक साल तक बिना किराए के दुकानें देने की पेशकश की।
सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के कैलाश हकीम ने कहा, “यहां के अधिकांश व्यापारी छोटे हैं और किराए की दुकानों में काम करते हैं। नुकसान 400 करोड़ रुपये से अधिक का आंका गया है। हम राज्य और केंद्र सरकार से बीमा दावों के त्वरित निपटारे और कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की मांग करेंगे।”
सूरत के टेक्सटाइल उद्योग का महत्व
हीरा उद्योग के अलावा, सूरत टेक्सटाइल व्यापार के लिए भी प्रसिद्ध है। शहर में 170 से अधिक टेक्सटाइल बाजार हैं, जिनमें 70,000 से अधिक दुकानें रिंग रोड क्षेत्र में स्थित हैं। इस क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 170 करोड़ रुपये का व्यापार होता है।
SMC ने पहले ही रिंग रोड पर फ्लाईओवर बनाए हैं ताकि यातायात सुगम बनाया जा सके। पावरलूम फैक्ट्रियों से अधूरा कपड़ा खरीदकर इसे बाजारों में लाया जाता है और फिर रंगाई और छपाई मिलों में भेजा जाता है। वहां से वापस आने के बाद यह दुकानों में बिक्री के लिए रखा जाता है।
फिलहाल, आग पर पूरी तरह काबू पाने और नुकसान का आकलन करने के प्रयास जारी हैं। व्यापारी सरकार से सहायता की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सकें। यह घटना सूरत के व्यस्त टेक्सटाइल बाजारों में अग्नि सुरक्षा उपायों की गंभीरता पर सवाल उठाती है।
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