सोशल मीडिया फेसबुक या इंस्ट्राग्राम में अचानक किसी लड़की की रिक्वेस्ट आती है , आप उसे स्वीकार करते हैं , बातचीत कुछ ही दिनों में निजता की सीमा पार कर जाती है , आपके मिलने के दौरान , विडियो कॉल से आपकी निजी तस्वीर ले ली जाती है , उसके बाद आपसे पैसे की मांग की जाति है , तब पता चलता है की आप हनी ट्रैप के शिकार हो चुके हैं।
सामाजिक साख बचाने के लिए आप उसकी मांग पूरी करते हैं लेकिन मांग बढ़ती जाती है। कई बार मामला पुलिस स्टेशन तक पहुँचता है ,लेकिन ज्यादातर हनी ट्रैप का शिकार हुआ व्यक्ति पुलिस तक पहुंचने से भी घबरता है।
गुजरात में हनी ट्रैप के शिकार हुए लोगो में आपको आम आदमी से लेकर नेता औरअधिकारी भी मिल जाएंगे। व्यवसायी उनका आसान शिकार होते है।
सूरत पुलिस के सायबर सेल और क्राइम ब्रांच के पास हनी ट्रैप से जुडी शिकायत लगातार आ रही हैं , ज्यादातर मामलों में पीड़ित समाधान तो चाहता है लेकिन शिकायत नहीं करना चाहते , क्योकि उनको सामाजिक साख के नुकसान होने का डर रहता है , ऐसे में पुलिस के हाथ भी बध जाते हैं। ज्यादातर मामलो में पीड़ित सामाजिक साख वाले होते हैं।
बारडोली के एक भाजपा पार्षद हनी ट्रैप के चक्कर में पार्टी से निलंबित हो चुके है ,जबकि भाजपा के ही अबडासा के पूर्व विधायक जयंती भानुशाली की हत्या में भी हनी ट्रैप का मामला सामने आया था।
विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान सूरत उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशीऔर तात्कालिक दिनेश काछडिया का विडियो मतदान के कुछ दिन पहले सार्वजिक हो गया था , जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव हार कर चुकाना पड़ा , बाद में क्राइम ब्रांच ने जब इस मामले का खुलासा किया तो गैंग ने स्वीकार किया कि कई और लोगों को शिकार बनाया है लेकिन सामाजिक भय के कारण शिकायत के लिए कोई आगे नहीं आया।
हनी ट्रैप के ही एक मामले में अहमदाबाद पुलिस ने अपने ही पीआई जी एच पठान और महिला कॉन्सटेबल शारदा खांट समेत पान लोगो को गिरफ्तार किया था , जिसमे तीन महिला शामिल थी , उन्होंने सोशल मीडिया के सहारे एक उधोगपति से दोस्ती कर बाद में उस पर यौन शोषण और पोस्को के तहत मामला दर्ज कराया था।
यह महज कुछ मामले अहमदाबाद सूरत जैसे बड़े शहरों में हनी ट्रैप संगठित अपराध का स्वरुप ले चूका है , लेकिन ज्यादातर मामलों में पीड़ित शिकायत से बचना चाहता है। इसलिए सूरत पुलिस ने हनी ट्रैप से बचाने के लिए जागरूकता अभियान का रास्ता अपनाया है।
जिसके सूरत में ही खटोदरा पुलिस स्टेशन में पदस्थ 2010 बैच के पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रशेखर पनारा ने अपनी आवाज दी है। गिटार और माउथॉरगन बाजने में माहिर पनारा ने खुद ही गया लिखा और खुद ही आवाज दी है , गाने के बोल हैं ” अननोन रिक्वेस्ट आएगा , तुम्हे अपने जाल में फसायेगा , लेकिन फसने का नहीं।
उनका यह गाना सूरत पुलिस ने ना केवल अपने ट्वीटर पर शेयर किया बल्कि सूरत पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने उन्हें प्रशंसा पत्र के साथ नगद पुरुस्कार से भी पुरुस्कृत किया है।
सूरत पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा की “हम ऐसे अभिनव प्रयोग करते रहते है , गुजरात पुलिस में काबिल लोग है , हनी ट्रैप का हल जन जागरूकता ही है ,क्योकि पुलिस के पास कोई ट्रैप होने के बाद आता है। “
वही पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रशेखर पनारा ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा की उन्हें बचपन से संगीत का शौक रहा , पुलिस की व्यस्त नौकरी के बावजूद वह इसके लिए समय निकाल लेते हैं , कोरोना काल के दौरान भी “घर में ही रहना है ” गाया था जो काफी वायरल हुआ था , सायबर क्राइम में पदस्थ होने के कारण मैंने देखा किस तरह लोग हनी ट्रैप का शिकार होते हैं , छोटी सी गलती उन्हें कितने मुसीबत में डाल देती हैं। इसलिए मैंने जागरूकता के लिए यह गीत रिकॉर्ड किया , वह ख़ुशी से कहते हैं की उन्हें इसके लिए पुरुस्कृत किया गया , और पुलिस आयुक्त समेत वरीष्ठ अधिकारियों ने सहारा है। लेकिन सबसे अहम् अनजान रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करने में ही भलाई है क्योकि कई बार फेक आईडी के साथ आरोपी भी देश के बाहर के होते हैं ,उन तक पहुंचना मुश्किल होता है।
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