सूरत: सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच (DCB) ने अंगडिया कर्मियों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपये की लूट की साजिश को नाकाम करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मध्य प्रदेश जेल विभाग का एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।
पुलिस के मुताबिक, 14 लोगों के गिरोह ने सूरत से सौराष्ट्र की ओर जाने वाली श्रीराम ट्रैवल्स की बस को हाईजैक करने की योजना बनाई थी। इस बस में आमतौर पर अंगडिया कर्मचारी करोड़ों रुपये के हीरे, सोना, चांदी और नकदी लेकर सफर करते हैं। योजना के अनुसार, आठ आरोपी बस में सवार होकर रास्ते में यात्रियों को लूटने वाले थे।
5 करोड़ रुपए की लूट की थी योजना
पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि “हर ट्रिप में यह बस करीब ₹5 करोड़ मूल्य के कीमती सामान लेकर जाती है। हमारी टीम ने आरोपियों के पास से तीन पिस्टल, एक देसी कट्टा, 42 जिंदा कारतूस और एक अतिरिक्त मैगजीन बरामद की है। बाकी आठ आरोपियों की तलाश जारी है।”
20 मुकदमों वाला मास्टरमाइंड और पुलिसकर्मी आरोपी
इस साजिश का मास्टरमाइंड जेम्स अल्मेडा है, जिसके खिलाफ पहले से 20 गंभीर अपराध दर्ज हैं और वह 14 मामलों में वांछित है। पकड़े गए आरोपियों में राजेश परमार नामक पुलिसकर्मी भी शामिल है, जो मध्य प्रदेश के श्योपुर जेल में तैनात था। परमार पूर्व सैनिक है और पहले 20 किलो सोने की चोरी के मामले में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। उसी दौरान वह तळोजा जेल में अल्मेडा से मिला था।
अन्य गिरफ्तार आरोपियों में सलाउद्दीन शेख, रईस खान, उदयवीर सिंह तोमर और विजय मेंबंसी शामिल हैं। तोमर का हीरा व्यवसाय से जुड़ाव रहा है और वह मुरैना (म.प्र.) में छोटा-मोटा व्यापार करता था, जिससे वह अंगडिया नेटवर्क के बारे में जानकारी देता था।
दो महीने की तैयारी, किराए के फ्लैट से ऑपरेशन
गिरोह के सदस्य पिछले दो महीने से कडोदरा स्थित महादेवनगर रेजिडेंसी में किराए के फ्लैट में रह रहे थे। इस दौरान इन्होंने महिधरपुरा क्षेत्र में कई अंगडिया दफ्तरों की रेकी की। उन्होंने पंजाब नंबर की एक कार भी चोरी की थी, जिसका उपयोग अपराध में किया जाना था।
पुलिस को आरोपियों के पास से हथियारों के अलावा मिर्च पाउडर, मिर्च स्प्रे की बोतलें, ‘रेनबो नाइफ’, मोबाइल फोन, वाई-फाई डोंगल, कटर और रेकी की हुई जगहों के नक्शे भी मिले हैं।
भागने की पूरी योजना तैयार थी
पुलिस ने एक नोटबुक भी जब्त की है, जिसमें आरोपी पुलिसकर्मी परमार ने घटना के बाद फरार होने के कई रास्ते और योजनाएं तैयार कर रखी थीं। योजना के अनुसार, बस को कमरेज और वडोदरा के बीच हाईजैक करना था और फिर अलग-अलग दिशाओं में भागकर पुलिस को भ्रमित करना था। इसके लिए पीछा कर रही कारें पहले से तय थीं। पुलिस को आरोपियों के फोन से मीटिंग और रेकी के रिकॉर्डिंग भी मिले हैं।
आर्मी कोटा से पुलिस की नौकरी, फिर जुर्म
पूर्व फौजी परमार, जिसे पहले 20 किलो सोने की चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, ने बाद में मध्य प्रदेश जेल विभाग में एक्स-सर्विसमैन कोटे से नौकरी हासिल कर ली। पुलिस ने उसके पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं।
संभावित जनहानि को रोका गया
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य पहले भी पुलिस पर गोली चलाने जैसे संगीन अपराधों में लिप्त रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर यह बस हाईजैक हो जाती, तो यात्री प्रतिरोध कर सकते थे और आरोपियों द्वारा गोली चलाने की आशंका थी। हमने समय रहते कार्रवाई कर संभावित जनहानि को टाल दिया।”
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