सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के उस फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें उनकी “मोदी उपनाम” टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।
मामले पर संभवत: न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ सुनवाई करेगी। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 18 जुलाई को वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी द्वारा मामले का उल्लेख करने और तत्काल सुनवाई की मांग करने के बाद गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई थी। राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा है कि अगर 7 जुलाई के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे “स्वतंत्र भाषण, अभिव्यक्ति, विचार और बयान का गला घोंट दिया जाएगा”।
कांग्रेस नेता को 24 मार्च को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें मोदी उपनाम के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए आपराधिक मानहानि के आरोप में दोषी ठहराया और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी।
उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि “राजनीति में शुद्धता” समय की जरूरत है। गांधी की दोषसिद्धि पर रोक से लोकसभा सांसद के रूप में उनकी बहाली का मार्ग प्रशस्त हो सकता था, लेकिन वह सत्र न्यायालय या गुजरात उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रहे।
सूरत की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
फैसले के बाद, गांधी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। गांधी ने सूरत की एक सत्र अदालत में आदेश को चुनौती दी और अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया।
सूरत सत्र अदालत ने 20 अप्रैल को उन्हें जमानत देते हुए सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
मोदी उपनाम पर शुरू हुआ था मामला
गुजरात सरकार (Gujarat government) में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है” को लेकर गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला (criminal defamation case) दायर किया था। वह विशेष रुप से व्यवसायी नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र कर रहे थे, जो भारत में वांछित दो प्रमुख भगोड़े व्यवसायी हैं।
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