286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने, पृथ्वी की 4,577 परिक्रमाएँ पूरी करने और 195.2 मिलियन किलोमीटर की यात्रा करने के बाद, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सुरक्षित घर लौट आई हैं।
मूल रूप से साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ आठ दिवसीय मिशन पर गईं विलियम्स को बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण नौ महीने तक शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहना पड़ा। यह मिशन, जो केवल एक परीक्षण उड़ान के रूप में शुरू हुआ था, एक ऐतिहासिक और चुनौतीपूर्ण यात्रा में बदल गया, जिसमें वैज्ञानिक प्रयोग, रिकॉर्ड तोड़ अंतरिक्ष यात्राएँ और राजनीतिक विवाद भी शामिल थे।
परफेक्ट स्प्लैशडाउन
क्रू-9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने मंगलवार सुबह स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के हार्मनी पोर्ट से अनडॉक किया। उनका पृथ्वी तक का सफर 17 घंटे लंबा था, जिसे नासा और स्पेसएक्स की टीमों द्वारा नियंत्रित और निगरानी किया गया।
ड्रैगन ने री-एंट्री के लिए सफलतापूर्वक अपने इंजन चालू किए, जिससे यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने की स्थिति में आ गया। जैसे ही स्पेसक्राफ्ट तेजी से नीचे गिरा, वायुमंडल के घर्षण से एक प्लाज्मा दीवार बनी, जिससे मिशन कंट्रोल से संपर्क टूट गया। कुछ ही क्षणों बाद, तापमान स्थिर होते ही संपर्क बहाल हो गया और पुष्टि की गई कि सब कुछ सामान्य है।
ड्रैगन के पैराशूट ने स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित करते हुए अटलांटिक महासागर में एक सुरक्षित लैंडिंग कराई। एक रिकवरी शिप पहले से ही विलियम्स और उनके साथियों को लेने के लिए तैयार थी।
रिकवरी की लंबी प्रक्रिया
हालाँकि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर सुरक्षित लौट आए हैं, लेकिन उनकी पुनर्वास प्रक्रिया अब शुरू हुई है। अंतरिक्ष में रहने से मानव शरीर में कई महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं, और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होना आसान नहीं होता।
- रक्त संचार प्रणाली: माइक्रोग्रैविटी में शरीर के तरल पदार्थ ऊपर की ओर जाते हैं, जिससे चेहरे में सूजन और पैरों में कमजोरी आ सकती है। वापसी के बाद, गुरुत्वाकर्षण फिर से तरल पदार्थों को नीचे धकेलता है, जिससे असहजता हो सकती है।
- मांसपेशियों और हड्डियों का स्वास्थ्य: अंतरिक्ष में मांसपेशियों का उपयोग कम होने से वे कमजोर हो जाती हैं। अंतरिक्ष यात्री हर महीने 1-2% हड्डी द्रव्यमान खो देते हैं, जिससे हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
- हृदय और संतुलन प्रणाली: अंतरिक्ष में हृदय को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे इसका आकार थोड़ा छोटा हो सकता है। पृथ्वी पर लौटने के बाद इसे पुनः समायोजित होने में समय लगता है। इसी तरह, माइक्रोग्रैविटी में संतुलन की समझ बदल जाती है, जिससे मतली, चक्कर और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दिल्ली के नेहरू प्लेनेटेरियम (तारामंडल) की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया, “सुनीता विलियम्स एस्ट्रोनॉट के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम है और मुझे उम्मीद है कि आज वह सुरक्षित वापसी कर पाएंगी, वह बहुत लंबे समय के बाद पृथ्वी पर वापस आ रही हैं। अगर उनके स्वास्थ्य की बात करें तो यह भी एक बड़ा विषय है क्योंकि हम स्पेस में माइक्रो ग्रेविटी के अंदर रहते हैं। किसी भी तरह का कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है ऐसी स्थिति में शरीर के अंदर बहुत सारे बदलाव आते हैं, परेशानी होती हैं जो पृथ्वी पर आने के बाद ग्रेविटी पर हिट करती हैं और यहां पर हमें ज्यादा दिखाई पड़ती हैं। इस कारण एस्ट्रोनॉट्स को रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है। वो नौ महीने के लंबे समयांतराल से अंतरिक्ष में थी ऐसे में उन्हें रिकवरी के लिए भी बहुत लंबा समय चाहिए होगा।”
उन्होंने बताया, “सुनीता विलियम्स पहली बार अंतरिक्ष में नहीं गई, वो इससे पहले भी कई बार, कई महीने तक वहां पर रह चुकी हैं। पहले वो सही सलामत धरती पर आ जाएं। हमारी कामना है कि वो जल्द रिकवरी करें और फिर स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।”
प्रेरणा चंद्रा ने बताया, “नासा के स्पेस मिशन के तहत सुनीता को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर भेजा गया था। यह 7 से 8 दिन का मिशन था। लेकिन हीलियम लीक होने के कारण नासा की तरफ से धीरे-धीरे समय को आगे बढ़ाया गया। कुछ सप्ताह और महीने के बाद अब कुल 9 महीने का समय हो गया है।”
पीएम मोदी का संदेश – ‘भारत की बेटी’ के नाम
सुनीता विलियम्स की वापसी से पहले, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से एक व्यक्तिगत पत्र भेजा। उन्होंने लिखा, “आप भले ही हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं।” पीएम मोदी ने विलियम्स की असाधारण उपलब्धियों की सराहना की और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने आगे कहा, “भारत आपकी सफलता और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहा है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी चालक दल के सदस्यों की अंतरिक्ष में असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की।
रक्षा मंत्री ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, “नासा के क्रू-9 की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी से प्रसन्न हूं! भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों वाले चालक दल ने अंतरिक्ष में मानव धीरज और दृढ़ता के इतिहास को फिर से लिखा है।”
उन्होंने कहा, “सुनीता विलियम्स की अविश्वसनीय यात्रा, अटूट समर्पण, दृढ़ता और संघर्ष की भावना दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उनकी सुरक्षित वापसी अंतरिक्ष प्रेमियों और पूरी दुनिया के लिए जश्न का क्षण है। उनकी हिम्मत और उपलब्धियां हम सभी को गौरवान्वित करती हैं। उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाने के लिए सभी हितधारकों को बधाई और बहुत-बहुत धन्यवाद।”
स्पेसएक्स की सफलता और स्टारलाइनर की विफलता
सुनीता विलियम्स की विस्तारित अंतरिक्ष यात्रा अमेरिका में राजनीतिक बहस का विषय बन गई। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस देरी को बाइडेन प्रशासन पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया, जिसमें स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने भी उनका समर्थन किया।
विलियम्स ने बोइंग स्टारलाइनर पर उड़ान भरी थी, जिसे नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक ले जाने और वापस लाने के लिए विकसित किया गया था। हालांकि, यह परियोजना कई तकनीकी विफलताओं और देरी से ग्रस्त रही है।
इसके विपरीत, स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने 100% सफलता दर बनाए रखी है, जिससे यह व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ानों में अग्रणी बन गया है।
भारत की अगली अंतरिक्ष यात्रा
विलियम्स और विलमोर की वापसी के बाद, स्पेसएक्स अब आगामी एक्सिओम-4 मिशन की तैयारी कर रहा है, जो वसंत ऋतु में लॉन्च होगा। यह मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के पायलट होंगे।
यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह लगभग 50 साल बाद राकेश शर्मा की पहली ऐतिहासिक उड़ान के बाद भारत को एक बार फिर अंतरिक्ष में ले जाएगा।
सुनीता विलियम्स के बड़े भाई ने कहा,’ सुनीता की सुरक्षित वापसी सभी के लिए गौरव की बात’
नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के वापस आने की खबर से परिवार में खुशी का माहौल है। सफल वापसी के लिए गांव में यज्ञ-पूजन का आयोजन हो रहा है। रिश्ते में सुनीता विलियम्स के बड़े भाई दिनेश ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की।
दिनेश ने बताया, “सुनीता विलियम्स नौ महीनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। घर के सभी लोग उसके लिए परेशान थे। परिवार के सभी लोग दुखी थे। न्यूज पेपर में सुनीता से जुड़ी कोई खबर आती थी, तो हम परेशान हो जाते थे। लेकिन अब जब आज सुनीता की सुरक्षित वापसी हो रही है, तो हमें बहुत आनंद हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब तक सुनीता विलियम्स सही-सलामत धरती पर नहीं आ जाएं, तब तक मुझे थोड़ी परेशानी और टेंशन है। घर के कई लोग मुझसे पूछते हैं तो मैं उन्हें सब कुछ ठीक बताता हूं, लेकिन जब सुनीता विलियम्स धरती पर सही-सलामत आएंगी, तभी मन प्रसन्न होगा। सुनीता के लिए सही सलामत आना, झुलासन गांव, अहमदाबाद, गुजरात, भारत और पूरी दुनिया के लिए बहुत गौरव की बात है।”
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर गुजरात के मेहसाणा स्थित झुलासन गांव के रहने वाले ग्रामीण भी काफी खुश हैं। सभी लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अंतरिक्ष से उनकी सुरक्षित वापसी हो।
सुनीता विलियम्स के इस गांव में उनके स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि सुनीता गांव में जरूर आएंगी। ग्रामीणों के अनुसार, वह सुनीता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वह तीन बार गांव आ चुकी हैं, पहली बार साल 2006 और इसके बाद साल 2012 में आई थीं। अन्य ग्रामीणों ने बताया है कि वह सुनीता विलियम्स का भव्य स्वागत करेंगे।
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी पर झुलासन गांव में खुशी का माहौल
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर गुजरात के मेहसाणा स्थित झुलासन गांव में रहने वाले ग्रामीण काफी खुश हैं। सभी लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अंतरिक्ष से उनकी सुरक्षित वापसी हो।
सुनीता विलियम्स के इस गांव में उनके स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि सुनीता गांव में जरूर आएंगी। ग्रामीणों के अनुसार, वह सुनीता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वह तीन बार गांव आ चुकी हैं, पहली बार साल 2006 और इसके बाद साल 2012 में आई थी। अन्य ग्रामीणों ने बताया है कि वह सुनीता विलियम्स का भव्य स्वागत करेंगे।
सुनीता विलियम्स के वापसी पर उनके रिश्ते में बड़े भाई दीपक रावल ने बताया कि सुनीता विलियम्स की वापसी की खबर सुनकर परिवार में सभी खुश हैं। बचपन की बातों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि सारी जिंदगी हम और उनके पिताजी साथ में रहे हैं। अमेरिका जाने के बाद वे लोग जब-जब भारत आए, हमारे घर पर रुके। बचपन से ही सुनीता निडर थी। हमें एक बात याद है कि जब बचपन में उसे ऊंट पर बिठाया गया, तो वह ऊंट के ऊपर से उतर ही नहीं रही थी, किसी तरह उसे उतारा गया था।