अहमदाबाद में सभी स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। फिर भी इसके लिए शुल्क संरचना यानी फीस आदि को लेकर स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। जिन छात्रों ने प्रवेश लिया है, वे अभी भी इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि कोर्स पूरा करने में उन्हें कितना खर्च आएगा। इसलिए वे इस बात से डरे हुए हैं कि पता नहीं कि अचानक क्या फैसला ले लिया जाएगा। इधर जहां सैकड़ों नए कॉलेज और कॉलेज छात्रों से फीस मांग रहे हैं, वहीं छात्रों को यही नहीं पता कि कितना भुगतान करना है।
भ्रम की ऐसी स्थिति इसलिए है, क्योंकि सरकार की शुल्क निर्धारण समिति ने पिछले दो वर्षों में कोविड-19 संकट के कारण शुल्क संरचना में संशोधन ही नहीं किया है।
इसके अलावा, समिति ने अभी तक पैरामेडिकल में नर्सिंग, फिजियोथेरेपी सहित पाठ्यक्रमों के लिए निजी कॉलेजों की फीस पर भी फैसला नहीं किया है। नर्सिंग के 185 कॉलेजों की फीस और छात्रों को कितना भुगतान करना है, यह भी उनकी वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया गया है।
मेडिकल, डेंटल और पैरामेडिकल कॉलेजों के लिए हर तीन साल में नया शुल्क ढांचा तय किया जाता है। विभिन्न मेडिकल-पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के निजी कॉलेजों को पिछली बार 2017 में नई फीस दी गई थी। 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए तीन साल के नए शुल्क ढांचे के बाद 2021-22 में ही अगले तीन साल के लिए नया शुल्क देना था। इस तरह पिछले साल फीस तय करनी थी, लेकिन एक साल बाद मेडिकल-पैरामेडिकल कॉलेजों की नई फीस अभी तय नहीं हुई है।
माना जा रहा है कि चूंकि लंबे समय से चिकित्सा समिति की बैठक नहीं हुई है, इसलिए यह भी अभी तय नहीं है कि अगली बैठक कब होगी।