भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बॉम्बे के मुख्य प्रशासनिक भवन में छात्रों के जमा होने के एक दिन बाद आईआईटी ने शनिवार को एक बयान जारी किया। इसमें डायरेक्टर द्वारा उनकी मांगों पर जांच के लिए इंटरनल कमेटी बनाने की बात कही गई है। छात्रों ने 18 वर्षीय छात्र दर्शन सोलंकी की कथित आत्महत्या की जांच कराने की मांग की थी।
यह सब तब हुआ, जब इस मामले को लेकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण (welfare of (Scheduled Caste and Scheduled Tribe) के लिए बनी संसदीय स्थायी समिति ने अगले बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और आईआईटी, बॉम्बे के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने की घोषणा की।
शनिवार को जारी किया गया बयान दरअसल डायरेक्टर सुभाशीष चौधरी का ईमेल है, जो सभी छात्रों को भेजा गया है। इसमें डायरेक्टर ने लिखा है कि प्रोफेसर नंद किशोर, जो हाल तक संस्थान के मुख्य सतर्कता अधिकारी थे और ऐसे मामलों में अनुभवी हैं, इंटरनल जांच समिति के प्रमुख होंगे। उन्होंने समिति के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी दी है। यह छात्रों द्वारा समिति के बारे में सार्वजनिक घोषणा किए जाने की मांग के बाद आया है।
बयान में कहा गया है कि समिति में एससी/एसटी छात्र सेल के सदस्य शामिल हैं, जिनमें संकाय और छात्र दोनों शामिल हैं। कुछ छात्र सलाहकार समन्वयक और हमारे अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैं। समिति सक्रिय रूप से उन सभी से मिल रही है, जिनके पास कोई भी जानकारी हो सकती है। यदि आपके पास कोई जानकारी है, जो आपको लगता है कि कारगर हो सकती है, तो कृपया समिति के किसी भी सदस्य से मिल कर या प्रोफेसर नंद किशोर या पवई पुलिस को ईमेल करके समिति तक पहुंचा दें।
चौधरी ने कहा, पहले दिन जब छात्र आईआईटी में प्रवेश करते हैं, तभी हम किसी भी भेदभाव के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हैं। हम सभी छात्रों को प्रवेश परीक्षा में रैंक जैसी प्रॉक्सी जानकारी न मांगने के लिए भी जागरूक करते हैं। फैकल्टी द्वारा भेदभाव पर हमारी बहुत सख्त नीति है।
उन्होंने बताया कि 2022 बैच से शुरू होने वाले स्नातक पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं, ताकि इसे छात्रों के लिए अधिक प्रासंगिक बनाया जा सके और तनाव कम किया जा सके।
बयान में आगे कहा गया है कि आईआईटी ने स्टूडेंट वेलनेस सेंटर (एसडब्ल्यूसी) के नेतृत्व को बदल दिया है, जो छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता के रूप में काम करता है। बयान में कहा गया है, “ओरिएंटेशन प्रोग्राम के बाद से हम छात्रों को हमारे स्टूडेंट वेलनेस सेंटर में छात्र सलाहकारों से सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो अब अनीशा मैथ्यूज की अध्यक्षता में है।” बता दें कि छात्रों ने एसडब्ल्यूसी नेतृत्व में बदलाव की भी मांग की थी।
इस बीच, अपने बेटे को न्याय दिलाने की मांग को लेकर रविवार को कैंडल लाइट मार्च निकालने की दर्शन सोलंकी के पिता रमेशभाई की अपील का जवाब देते हुए आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने रविवार शाम कैंपस के अंदर धरना देने का फैसला किया है।
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