- मीडिया में बयान देने से नहीं होगा समस्या का समाधान , मुझसे करें बात – रघु शर्मा
- हार्दिक आप में आये तो इससे ख़ुशी की क्या बात होगी – आप गुजरात प्रमुख
गुजरात विधानसभा चुनावी वर्ष में कांग्रेस के अंदर सब ठीक नहीं है , एक के बाद एक नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। भाजपा तो ठीक आम आदमी पार्टी में भी ज्यादा उन्हें कांग्रेस से ज्यादा उम्मीद नजर आती है। इंद्रनील राजगुरु आप में शामिल हो चुके है। कांग्रेस के लगभग 20 नेता आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। कांग्रेस को इससे फर्क भी नहीं पड़ता , पिछले कुछ साल में कांग्रेस से नेताओं के जाने का सिलसिला लगातार जारी है।
लेकिन इस बार मामला गुजरात कांग्रेस प्रभारी डॉ रघु शर्मा और कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी प्रमुख हार्दिक पटेल के बीच का है। हार्दिक के नरेश पटेल के मामले में कांग्रेस आलाकमान के निर्णय क्षमता पर सीधे सवाल उठाना रघु शर्मा को पसंद नहीं आया वह , इसकी रिपोर्ट भी राहुल गाँधी को की है। लेकिन मामला जितना सीधा दिखता उतना सीधा भी नहीं है।
गाँधी परिवार के नजदीकी हार्दिक पटेल को जीतना वजन दिल्ली में मिलता है गुजरात कांग्रेस उतना सम्मान देने को तैयार नहीं है। और हार्दिक सीधे नहीं तो ढेढ़ी उंगली से घी निकालने में माहिर हैं। वह कांग्रेस में पास ( पाटीदार आरक्षण समिति ) का हिस्सा चाहते हैं , जो कांग्रेस के दूसरे नेताओं को पसंद नहीं हैं। हार्दिक का खुले तौर पर कहना है की पास के नेताओं का कांग्रेस पूरा उपयोग नहीं कर रही है। गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें निर्णय में शामिल नहीं किया जाता।
गुजरात कांग्रेस में महासचिव और उपाध्यक्ष , जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के दौरान भी उन्हें पूछा नहीं गया। आयोजनों में उन्हें शामिल नहीं किया जाता।अपनी पर नाराजगी जाहिर करते हुए वह कहते हैं 16 -16 विधायक पार्टी छोड़कर चले जाते है , और आप कहते हैं जिसको जाना हो , जाये , ऐसे नहीं चलता ,सबसे बात करनी चाहिए , उन्हें समझाना चाहिए। कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मै पार्टी छोड़कर चला जाऊ , राहुल गाँधी को भी मेरी समस्या पता है , फिर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है।
हार्दिक पटेल ट्ववीट कर अपनी उपेक्षा को सार्वजनिक किया है
हार्दिक पटेल ट्ववीट कर अपनी उपेक्षा को सार्वजनिक किया है उन्होंने ट्ववीट किया “सच बोलना चाहिए क्योंकि मैं पार्टी का भला चाहता हूँ। प्रदेश की जनता हमसे उम्मीद रखती है और हम उस उम्मीद पर खरे न उतर सके तो फिर इस नेतागीरी का मतलब क्या हैं ! मैंने आज तक पार्टी को श्रेष्ठ देने का काम किया है और आगे भी करने वाला हूँ। पद के मोहताज नही काम के भूखे हैं।”
यह सब कुछ तब हुआ जब ठीक एक दिन पहले वह नरेश पटेल के समर्थन में खुलकर आते हुए आलाकमान पर निर्णय में विलंब करने , और पाटीदार का अपमान करने का खुलकर आरोप लगा चुके थे। उन्होंने पहली बार आलाकमान के निर्णय क्षमता को लेकर भी सवाल खड़े किये थे। इसके पहले 6 अप्रैल को आयोजित कोर कमेटी की बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे।
जीपीसीसी के नए रोड मैप में भी उनको शामिल नहीं किया गया था। रघु शर्मा हार्दिक के मीडिया में दिए बयान से ना केवल नाराज हैं बल्कि उन्होंने राहुल गाँधी को रिपोर्ट भी किया है , रघु शर्मा के क्या मुताबिक नरेश पटेल से बात करके हार्दिक ने
बयान दिया है ,अगर हार्दिक को जगदीश ठाकोर से कोई समस्या है तो मुझसे बात करें , मीडिया में बयान देने से समाधान नहीं होगा। रघु शर्मा के तेवर साफ़ हैं। आलाकमान भी गुजरात के मामले में हार्दिक से ज्यादा भरोसा रघु शर्मा पर कर रहे हैं। इसलिए हार्दिक की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
हार्दिक भी ढेढी ऊँगली से घी निकालने की कला में माहिर हैं
हार्दिक भी ढेढी ऊँगली से घी निकालने की कला में माहिर हैं। दिसम्बर 2020 के स्थानीय निकाय चुनाव में इसे अपना भी चुके हैं , जब पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के केस लड़ रहे वकील संजय की धर्मपत्नी को टिकट नहीं मिलने पर पास से जुड़े कांग्रेस उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था ,और पास ने खुलकर आप आदमी को समर्थन दिया था ,जिसके बल पर आप की सूरत महानगर पालिका में 27 पार्षद निर्वाचित हुए और आम आदमी पार्टी का गुजरात की निर्वाचित राजनीति में प्रवेश हुआ। आज भी पास हार्दिक के साथ और हार्दिक पास के समर्थन में हैं। यह बात कांग्रेस को बेहतर पता है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रमुख और पाटीदार आरक्षण आंदोलन में हार्दिक के सहयोगी रहे गोपाल इटालिया वाइब्स आफ इंडिया से कहते हैं ” अगर हार्दिक कांग्रेस से आप में आते हैं तो यह ख़ुशी की बात होगी ” हार्दिक पटेल का आन्दोलनकाल से ही आप सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल से नजदीकी जग जाहिर है। हार्दिक जिस तरह से आक्रामक हुए है उसकी इबारत पहले ही लिखी जा चुकी है ,यह कांग्रेस के सूत्रों का कहना है।
एक कांग्रेस के एक वरीष्ठ नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा की हार्दिक को कांग्रेस ने हमेशा वजन दिया है।
हार्दिक जिस तरह से आक्रामक हुए है उसकी इबारत पहले ही लिखी जा चुकी है ,यह कांग्रेस के सूत्रों का कहना है। एक कांग्रेस के एक वरीष्ठ नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा की हार्दिक को कांग्रेस ने हमेशा वजन दिया है। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में वह गुजरात के अकेले नेता थे जिन्हे उत्तर प्रदेश और पंजाब के स्टार प्रचारकों की सूची में ना केवल शामिल किया बल्कि हेलीकाप्टर भी दिया था ,लेकिन परिणाम क्या आया। बिहार में भी वह स्टार प्रचारक थे।
पटेल मुख्यमंत्री घोषित कराना चाहते हैं
गुजरात में वह पटेल मुख्यमंत्री घोषित कराना चाहते हैं ,जबकि पार्टी के ज्यादातर नेताओं का मानना है की किसी चेहरे को आगे करने की बजाय संयुक्त चेहरे पर चुनाव में जाना चाहिए , नरेश पटेल के मामले में इस नीतिनिर्धारक नेता का मानना है की कोई पार्टी में आने के पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बनने की बात करे यह कहा तक उचित है।
फिर भी अगर पार्टी बनाती है तो स्वागत है लेकिन बात पार्टी में होनी चाहिए , मीडिया में नहीं। नरेश पटेल ने अभी तो ये भी नहीं तय किया है कि उन्हें राजनीति में आना है या नहीं। नेताओं को उन कार्यकर्ताओं की ओर भी देखना चाहिए जिन्होंने 27 साल से सत्ता नहीं देखी फिर भी कांग्रेस में हैं।
नरेश पटेल को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाना चाहता कांग्रेस आलाकमान