राजकोट-अहमदाबाद हाईवे के छह लेन के काम में तीन साल की देरी हो गई है। हाइवे पर कई ट्रैफिक डायवर्जन और ब्लॉकेज हैं। बता दें कि यह प्रोजेक्ट पिछले पांच वर्षों से चल रहा है।
दरअसल सूचना के अधिकार ((RTI) के तहत ठेकेदारों और अथॉरिटी के बीच बातचीत और अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए नोटिस सार्वजनिक हो गए हैं। आरटीआई के जवाबों से पता चला है कि जिन दो ठेकेदारों को हाईवे के चार खंडों (sections) के लिए काम सौंपा गया था, वे काम में पिछड़ चुके हैं। सिर्फ 40 से 50 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। गौरतलब है कि
जनवरी 201 में दोनों ठेकेदारों को चार सेक्शन का काम सौंपा गया था। काम पूरा करने की डेडलाइन जनवरी 2020 थी।
पत्राचार (communication) के अनुसार, अथॉरिटी ने ठेकेदार की खराब वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखा और जुलाई 2022 में प्रोजेक्ट को फास्ट ट्रैक पर रखने के लिए सहायक ठेकेदारों को देने और सीधे भुगतान की अनुमति दे दी। लेकिन ठेकेदार ने बेवजह तीन महीने खा गए और अक्टूबर 2022 में तीनों पक्षों में समझौता हो पाया।
अथॉरिटी के इंजीनियर ने 24 नवंबर, 2022 को बताया कि ठेकेदार या सहायक ठेकेदार ने अथॉरिटी की पूर्व अनुमति के बिना मौके से मजदूर, मशीनरी और सामग्री (सीमेंट, स्टील, कोलतार आदि) को हटाना शुरू कर दिया।
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