आफताब पूनावाला और श्रद्धा वाकर दिल्ली में रहने से पहले मुंबई में एक डेटिंग ऐप बंबल (Bumble) के जरिए मिले थे। इसलिए दिल्ली पुलिस बंबल से आरोपी आफताब की प्रोफाइल की जानकारी मांग सकती है, ताकि उससे मिलने वाली दूसरी महिला का पता लगाया जा सके।
श्रद्धा की मौत के कुछ समय बाद ही आफताब ने एक बार फिर उसी डेटिंग ऐप के लिए साइन अप किया और दूसरी महिला से मैच किया। डेटिंग ऐप से उसका मैच अक्सर उसके फ्लैट पर आता था। तब भी जब श्रद्धा के शरीर के अंग फ्रिज में पड़े थे।
जैसे-जैसे भीषण (grisly) हत्याकांड के डरावने ब्योरे सामने आ रहे हैं, डेटिंग ऐप्स का काला पक्ष भी खुल रहा है। ऐसे ऐप पर मिलने वालों के लिए जोखिमों को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक (Psychologist) डॉ श्वेता शर्मा ने कहा कि यकीन से परे (unthinkable घटना ऑनलाइन डेटिंग ऐप के यूजर के बीच भय और अविश्वास को बढ़ाने वाला है। “गाली-गलौच (Abusiv) रिश्ते हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। हमें इस बारे में बात करने के बजाय उस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जब कोई बड़ा अपराध हो रहा हो, तब इस पर और गौर करने की जरूरत है। किसी रिश्ते में तनाव को समझने की जरूरत है, जैसे आक्रामक व्यवहार।
ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स के कल्चरल पहलू के बारे में बात करते हुए शर्मा ने कहा, “डेटिंग कोई ऐसी चीज नहीं है जो हमने अपने माता-पिता या अपने समाज से सीखी है। लोग ज्यादातर शादी के लिए रिश्ते में आ रहे हैं। डेटिंग ऐप्स के साथ यह मुख्य मुद्दा है। डेटिंग का मतलब यह नहीं है कि आप उसी व्यक्ति से शादी करने जा रहे हैं। और यह वयस्क (adult) मन के अंदर सबसे बड़ा संघर्ष है। यदि आप डेटिंग कर रहे हैं, तो आपको स्पष्ट (clearer) होने की आवश्यकता है।”
युवा पीढ़ी पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के बारे में डॉ. शर्मा ने कहा, “ऐप का उपयोग करने में भय, अविश्वास और व्यक्ति की मानसिकता के बारे में अनिश्चितता (uncertainty) बनी रहेगी। कुछ समय के लिए यह मानव मनोविज्ञान को प्रभावित करने वाला है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है कि बहुत से लोग पहले ही ऐप को हटा चुके हैं और डेटा मिटा चुके हैं। यह कई स्वस्थ रिश्तों को भी प्रभावित करने वाला है। प्रभाव बड़े पैमाने पर होने वाला है, ज्यादातर निगेटिव तरीके से।”
भले ही इस तरह की आशंकाएं निराधार नहीं हैं, लेकिन इस तथ्य से कोई इनकार नहीं है कि डेटिंग ऐप्स बंद नहीं होंगे। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए बस कुछ हद तक एहतियात की जरूरत है।
अच्छा-बुराः
यह पहली बार नहीं है जब ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स कठघरे में आए हैं। नेटफ्लिक्स पर टिंडर स्विंडलर नामक एक आंखें खोल देने वाली डॉक्यूमेंट्री इस साल की शुरुआत में दिखाई गई थी। उसने ऑनलाइन डेटिंग के अंधेरे पक्ष पर प्रकाश डाला। डॉक्यूमेंट्री इजराइली कॉनमैन साइमन लेविएव पर आधारित थी, जो लोगों से जुड़ने के लिए टिंडर का इस्तेमाल करता था और फिर उन्हें एक शानदार जीवन शैली बदले पैसे देता था। आफताब से जुड़ी घटना के उलट वह ठग केवल पैसे के पीछे पागल था।
भले ही श्रद्धा हत्याकांड ने डेटिंग ऐप्स को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया हो, लेकिन ऐसे ऐप्स को पूरी तरह गलत कहना ठीक नहीं होगा। कुछ डेटर्स ने खतरे की घंटी बजाई है, लेकिन कई अन्य मानते हैं कि वे मैच बनाने और यहां तक कि दोस्ती बनाने का सबसे अच्छा तरीका हैं और सही कनेक्शन चुनने की आजादी देते हैं। वे कहते हैं, यह सब आखिरकार यूजर के विवेक पर निर्भर करता है कि इसके बारे में कैसे आगे बढ़ा जाए।
वैसे डेटिंग-प्लेटफ़ॉर्म संदेशों के 2018 के ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन से पता चला है कि सेक्सिस्ट दुर्व्यवहार और उत्पीड़न सीधे महिलाओं को टारगेट करता है। प्यू रिसर्च सेंटर के 2017 के एक अध्ययन ने संकेत दिया कि 36% ऑनलाइन डेटर्स ने अपनी बातचीत को “या तो बेहद या बहुत परेशान करने वाला” पाया।
ये अध्ययन एक अन्य रिपोर्ट के बीच आया है जो कहती है: टिंडर, दुनिया में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला डेटिंग ऐप है, जिसने मार्च 2020 के दौरान एक दिन में तीन बिलियन स्वाइप किए- और तब से यह रिकॉर्ड 100 से अधिक बार टूट चुका है।
एक अन्य सर्वेक्षण से पता चलता है कि अमेरिका में, कम से कम 30% आबादी ने एक बिंदु पर ऑनलाइन डेटिंग ऐप या वेबसाइट का उपयोग किया है।
सुरक्षा तंत्रः
हम सभी मानवीय संबंध चाहते हैं। हम सभी को साथी चाहिए। और ये ऐप हमें हजारों संभावित जीवन साथी और ऐसे लोगों से मिलाने में मदद करते हैं जो दोस्त बन सकते हैं। आज की दुनिया में जब समय एक बड़ी बाधा है, ये ऐप बिना किसी परेशानी के समान रुचि और मानसिकता के लोगों से मिलने का मौका देते हैं। जो लोग डेटिंग ऐप्स पर हैं, वे सुलभ (accessible) और स्वीकार्य हैं। वे इस बारे में स्पष्ट हैं कि वे क्या चाहते हैं। यदि आप शर्मीले हैं, तो आप वास्तविक जीवन की तुलना में किसी अजनबी के साथ ऑनलाइन बातचीत करने में अधिक सहज महसूस करते हैं। जहां तक संभावित खतरों का संबंध है, तो हर किसी को सावधानी से चलना होगा। उन्हें सही और गलत को पहचानना होगा और उचित कदम उठाने होंगे।