पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद दायर विभिन्न मामलों को वापस लेने की मांग को लेकर राज्य सरकार ने अदालत में याचिका दायर की थी. अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ रामोल थाने में दर्ज मामला वापस लेने की सरकार की याचिका खारिज कर दी है.
अदालत ने सभी आरोपियों से भी उपस्थित रहने का आग्रह किया क्योंकि मामले में अभियोग की सुनवाई 2 मई को होनी है। पार्षद परेश पटेल की ओर से 20 मार्च 2017 को दर्ज कराई गई शिकायत में हार्दिक पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
भीड़ द्वारा आस्था बंगले स्थित वस्त्रलान के तत्कालीन नगरसेवक परेश पटेल के घर पर तोड़फोड़ की शिकायत दर्ज कराई गई थी। सरकार ने शिकायत वापस लेने के लिए आवेदन किया था। आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 900 मामलों में से 187 मामले अभी भी लंबित हैं.
विदित हो की पाटीदार आंदोलन के समय दर्ज हुए मामलो को वापस लेने के लिए सरकार के ऊपर पाटीदार संगठनों और नेताओं का दबाव है ,चुनावी वर्ष में सरकार और भाजपा संगठन की तरफ से केस वापस लेने का भरोसा दिया गया था। अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ रामोल थाने में दर्ज मामला वापस लेने की सरकार की याचिका खारिज कर दी है.
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