बेंगलुरु की सदाशिवनगर पुलिस ने पोक्सो एक्ट की धारा 8 (यौन उत्पीड़न) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (A) (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर पिछले महीने बेंगलुरु में अपने आवास पर एक नाबालिग को कथित रूप से परेशान करने के लिए गुरुवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया।
81 वर्षीय येदियुरप्पा पर एक महिला की शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया। इसमें बताया गया है कि वह अपनी बेटी के खिलाफ बलात्कार के मामले में न्याय की मांग करते हुए 2 फरवरी को उनके आवास पर गई थी और मांग की थी कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए।
एफआईआर के अनुसार येदियुरप्पा कथित तौर पर नाबालिग को एक कमरे में ले गए और दरवाजा बंद कर उसका यौन उत्पीड़न किया। महिला ने एफआईआर में आरोप लगाया कि जब उसने येदियुरप्पा से बात की तो उन्होंने कहा कि वह जांच कर रहे थे कि लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं। बाद में येदियुरप्पा ने कथित तौर पर माफी मांगी और महिला से मामले के बारे में किसी को नहीं बताने को कहा।
अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा का कहना है, ”कुछ दिन पहले एक महिला मेरे घर आई थी। वह रोते हुए कह रही थी कि कुछ समस्या है। मैंने उससे पूछा कि मामला क्या है और मैंने व्यक्तिगत रूप से पुलिस आयुक्त को फोन किया और मामले में उसकी मदद करने के लिए कहा। बाद में महिला मेरे खिलाफ बोलने लगी। मैंने यह मामला पुलिस कमिश्नर के ध्यान में लाया है। कल पुलिस ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज की। देखते हैं आगे क्या होता है, मैं कर सकता हूं। मैं यह नहीं कहूंगा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है।”
कौन हैं येदियुरप्पा?
येदियुरप्पा कर्नाटक भाजपा के बड़े कद्दावर नेता हैं। कर्नाटक में कमल येदियुरप्पा की सूझबूझ से खिला था। लिंगायत समुदाय के येदियुरप्पा की राज्य में मजबूत पकड़ है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छा समीकरण रखने वाले नेताओं में गिने जाते हैं। 75 साल के होने जा रहे येदियुरप्पा के नेतृत्व में कर्नाटक में भाजपा ने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव नतीजा आने के बाद येदियुरप्पा ने भाजपा के अल्पमत में होने के बाद भी सरकार बनाने का दावा पेश किया और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का समर्थन हासिल था। यह बात अलग है कि येदियुरप्पा कुछ दिन ही मुख्यमंत्री रह पाए। विश्वासमत न हासिल कर पाने की स्थिति देखकर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद येदियुरप्पा पर लगातार एचडी कुमारस्वामी सरकार को अपदस्थ करने का आरोप लगता रहा।
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