हमारे आसपास सुंदरता की कतई कोई कमी नहीं है। जैसे ही हम अपने चारों ओर देखते हैं, मन मोह लेने वाली चीजें हमारे सामने प्रकट होंगी। यकीनन हम आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। फिर भी ऐसे बहुत कम कलाकार हैं, जो मानते हैं कि वे प्रकृति के प्रति कुछ कर्जदार हैं। इसलिए वे अपने विभिन्न प्रकार की कलाओं में हमारे परिवेश को चित्रित करते हैं।
ऐसे ही दुर्लभ और बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं सोनल अंबानी। उनका जुनून और पेशेवर करियर दोनों ‘मूर्तिकला’ (Sculptor) से जुड़े हैं। सोनल अंबानी तीस साल से मूर्तिकार हैं, जो विभिन्न प्रकार के मीडिया और शैलियों में काम कर रही हैं। उनका काम प्रकृति और शहरीकरण के बीच की खाई को पाटकर इन दो अलग-अलग पारिस्थितिक तंत्रों (ecosystems) के बीच एक नाजुक संतुलन बनाने का प्रयास करता है।
इस बार सोनल कुछ असाधारण और गहराई से जुड़ी हुई थीम लेकर आ रही हैं, जिसका नाम है ‘वी ड्रीम अंडर द सेम स्काई’। इसमें समकालीन मूर्तिकला और रहस्य दोनों है। खंभों के ऊपर उत्कृष्ट रूप से बनाई गई घड़ियां दुनिया भर की महान प्रतिभाओं की जन्मतिथि दिखाती हैं। इसमें एक ऐसा कोड होता है, जो इस रहस्य को खोलता है।
सोनल अंबानी की मूर्ति (sculpture) दुबई की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी- ‘लैला हेलर गैलरी’ – में सोमवार 6 फरवरी को शाम 5.30 बजे प्रदर्शित की जाएगी। यह गेट बिल्डिंग, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात के तहत डीआईएफसी मूर्तिकला पार्क (DIFC Sculpture Park) है।
मूर्तिकला दर्शकों को घड़ियों की जांच करने और मिलान करने वाले दूरदर्शी के नामों की पहचान की चुनौती देती है। जैसे घंटे की सुई 2 पर है और मिनट की सुई 24 पर है, क्योंकि स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी को हुआ था। नतीजतन, मूर्तिकला पर प्रदर्शित समय 2:24 है। इसी तरह मैरी क्यूरी की घड़ी 11:07 और नेल्सन मंडेला की घड़ी 7:18 दिखाती है (दोनों महान हस्तियों का जन्म 18 जुलाई को हुआ था। जन्मतिथि 7 नवंबर)।
सोनल दरअसल दर्शकों को अपने स्वयं के जीवन के अनुभवों को साझा करने और अपने होने के अर्थ के साथ बढ़ने की चुनौती देने के लक्ष्य के साथ मूर्तियां बनाती हैं। वह मानती हैं कि कला को बाहरी सुंदरता और आंतरिक प्रतिबिंब (inside reflection) के बीच संतुलन बनाना चाहिए। उन पर न्यूयॉर्क में उनके पिता की आर्ट गैलरी का गहरा प्रभाव है, जहाँ उन्हें विभिन्न प्रकार के रचनात्मक लोगों के साथ अंतरंग रूप से जुड़ने का मौका मिला।
उनकी मूर्तियां प्रकृति से प्रेरणा लेती हैं। फिर समकालीन जीवन (contemporary life) के कुछ हिस्सों को इन विषयों के साथ जोड़कर दर्शकों के लिए विचारोत्तेजक नैरेटिव (thought-provoking narratives) बनाती हैं। सोनल अपनी कला को उकेरने के लिए कांस्य या फाइबर के साथ स्टेनलेस स्टील का भी इस्तेमाल करती हैं। इससे जिसमें उन्हें रखा जाता है, उसकी हर सेटिंग में एक अलग दृश्य प्रभाव होता है।
सोनल अंबानी कहती हैं, “मन की स्पष्टता के माध्यम से प्राप्त किया जाने वाला आंतरिक संतुलन ऐसी विशेषता है, जिसे मैं अपने सभी कार्यों में शामिल करना चाहती हूं। मैं स्पर्शनीय और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करना पसंद करती हूं। यह इन विविध पारिस्थितिक तंत्रों (diverse ecosystems) का सर्वव्यापी मिश्रण है, जो मुझे अपनी मूर्तियां बनाने के लिए प्रेरित करता है।”
उन्होंने 2010 में FICCI-FLO अहमदाबाद की स्थापना और पहली बैठक अध्यक्षता की थी। इसका उद्घाटन नरेंद्र मोदी (भारत के प्रधानमंत्री, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे) के साथ किया गया था। वह बिजनेस मैनेजमेंट में पीएचडी हैं। उनके नाम “किशोरों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रणाली और विधि” (System and method for providing financial services to adolescents and teenagers) नामक अमेरिकी पेटेंट है। उनका शैक्षणिक (educational) करियर भी प्रभावशाली है।
उनके उल्लेखनीय पुरस्कार और सम्मानों में कला और मूर्तिकला के लिए द टाइम्स ऑफ इंडिया वीमेन पावर अवार्ड (2019), फिक्की की ओर से द वूमन ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड – एफएलओ (2018), फ़ेफ़र पीस अवार्ड (2011), प्राइड ऑफ़ गुजरात- महाराष्ट्र अवार्ड (2011) और तेज ज्ञान फाउंडेशन (2011) हैं।
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