भारत 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रहा है। उन्हें भारत की कोकिला (nightingale) भी कहा जाता था।
हर साल 13 फरवरी को राष्ट्र उनकी उपलब्धियों को मनाता है, जिनकी क्षमता भारतीय राजनीतिक प्रतिष्ठान से परे फैली हुई है। राष्ट्रीय महिला दिवस पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक (traditionally patriarchal) भारतीय समाज में महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए सरोजिनी नायडू की अथाह प्रतिबद्धता का सम्मान करता है।
यह भारतीय महिलाओं की सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक उपलब्धियों को स्वीकार करता है। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और देश भर में विभिन्न गतिविधियों के जरिये लैंगिक समानता (gender equality) को बढ़ावा देता है।
सरोजिनी नायडू की जयंती पर उनके विशाल व्यक्तित्व की भव्यता का सम्मान किया जाता है, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता के बाद के राजनीतिक नेतृत्व में तत्काल भागीदारी में योगदान दिया। 2023 में राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह सरोजिनी नायडू को उन महिलाओं के लिए “रोल मॉडल” बनाने का काम करेगा, जो देश का नेतृत्व करना चाहती हैं और अपने समुदाय में बदलाव लाना चाहती हैं।
राजनीति के अलावा सरोजिनी नायडू को भारतीय साहित्य इतिहास की सबसे महान कवयित्रियों में से एक माना जाता है। उनकी कविता में देशभक्ति, ट्रेजडी, रोमांस आदि जैसे विषयों की विस्तृत सीरीज शामिल थी। वह 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पार्टी अध्यक्ष के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला थीं। महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले नमक सत्याग्रह आंदोलन में भी नायडू सक्रिय थीं। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया, जो भारत में ब्रिटिश सत्ता के विरोध में शुरू किया गया था।
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