कांसुलर सेवाएं चाहिए, तो लाएं कोविड की निगेटिव रिपोर्ट
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास में कांसुलर सेवाओं के लिए आने वालों को कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। जी हां, वहां कोविड-19 की रोकथाम के मकसद से 24 घंटे पहले तक की निगेटिव एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट लाने को अनिवार्य कर दिया गया है। जकार्ता में राजदूत मनोज कुमार भारती को बधाई। क्या अन्य भारतीय दूतावासों में भी ऐसा हो रहा है? यदि हां, तो उन्हें भी सलाम !! सभी भारतीय मिशनों में कांसुलर सेवाएं या तो ऑनलाइन हैं या सीमित समय के साथ हैं। दरअसल सभी दूतावास विशेष रूप से बनाए गए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, ताकि दूसरे देशों की यात्रा करने वाले वहां और देश के भीतर वायरस न फैलाएं।
केंद्र में लंबा हो सकता है कामरान रिजवी का कार्यकाल
यूपी कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी कामरान रिजवी का केंद्र में कार्यकाल से उम्मीद से अधिक लंबा हो सकता है। वह ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव बन कर गए थे। बाद में उन्हें ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में तरक्की मिल गई। पता चला है कि केंद्र में जिस चीज ने उन्हें काफी लोकप्रिय बना दिया है, वह है सरकारी योजनाओं के लिए उनके अभिनव विचार। वह वर्तमान में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं। अब केंद्र सरकार ने हुडको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के उनके अतिरिक्त प्रभार को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है। लगता है यूपी सरकार उन्हें वापस बुलाने के मूड में नहीं है, क्योंकि उनके अफसर अपने बेहतरीन काम से केंद्र में हलचल मचा रहे हैं।
राजनयिकों का कार्यकाल विस्तार अब भी दुर्लभ
विभिन्न भारतीय मिशनों में सेवारत भारतीय राजनयिकों के लिए कार्यकाल का विस्तार दुर्लभ है। मौजूदा महामारी के दौरान यह उम्मीद की जा रही थी कि तैनाती का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके या पूरा कर रहे राजनयिकों को छह महीने का विस्तार मिल सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए कि नियमित नियुक्तियां की जा रही हैं। रिटायरमेंट के साथ भी यही नियम लागू होता है, क्योंकि रिटायर होने के बाद शायद ही किसी राजनयिक को कार्यकाल का विस्तार मिलता है। वैसे चलन यह थी कि एक राजनयिक के लिए रिटायर होने का मतलब सलाहकारों, कॉर्पोरेट बोर्ड के सदस्यों या थिंक टैंक के सलाहकारों के रूप में काम का अवसर मिलना है। यही कारण है कि अधिकतर राजनयिक सेवा विस्तार पाने की बहुत कोशिश नहीं करते, बल्कि वे खुशी-खुशी रिटायर हो जाते हैं।
कुवैत में कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा सेवाओं को आउटसोर्स करेगा भारतीय दूतावास
कुवैत में भारतीय दूतावास अपनी कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा सेवाओं को निजी कंपनियों को आउटसोर्स करने जा रहा है। कहना ही होगा कि ऐसा कुछ नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय के मुख्यालय से मंजूरी के बिना नहीं होता है। आश्चर्य यह कि आने वाले महीनों में अन्य भारतीय दूतावासों को भी इसी तरह आउटसोर्सिंग करने के लिए कहा जाएगा।
गुजरात हाई कोर्ट में अब भी 11 स्थायी जजों की कमी
गुजरात हाई कोर्ट में स्वीकृत 52 जजों के पदों में से 11 स्थायी जजों के पद रिक्त हैं। एक जुलाई को केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग के ताजा आंकड़े आए हैं। इसके मुताबिक, इस समय गुजरात हाई कोर्ट में महज 28 स्थायी जज ही कार्यरत हैं।