1. पोलैंड को लंबे समय से है भारतीय राजदूत का इंतजार
लंबे समय से पोलैंड के वारसॉ और लिथुआनिया में भारत के दूतावासों में कोई राजदूत नियुक्त नहीं है। मिशन का कोई उप प्रमुख भी नहीं है। ऐसा लगता है कि प्रथम सचिव (राजनीतिक और वाणिज्य) एसके रे ही दूतावास के मामलों का प्रबंधन देख रहे हैं। आखिर दूतावास के लिए कोई वरिष्ठ अधिकारी क्यों नहीं है?
2. फरवरी में मूल कैडर गुजरात में लौट सकते हैं भरत लाल
गुजरात कैडर से भारतीय वन सेवा के 1988 बैच के अधिकारी भरत लाल का मामला दिलचस्प है। वह इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है। इसी दौरान उन्हें अस्थायी तौर पर तरक्की मिल गई। जल शक्ति मंत्रालय में पेयजल और स्वच्छता विभाग में संयुक्त सचिव वाले उनके पद को अतिरिक्त सचिव में तब्दील कर दिया गया। पद में इस तरक्की को 31 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया था। उसके बाद क्या? सिर्फ सात महीने के लिए यह पदोन्नति क्यों? चर्चा है कि वह अब फरवरी 2022 में अपने मूल कैडर गुजरात में वापस होने जा रहे हैं।
3. पश्चिम बंगाल में नौ आईएएस अधिकारी इधर से उधर
पश्चिम बंगाल सरकार ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रैंक वाले नौ आईएएस अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। इस क्रम में कृतिका शर्मा को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-पुरुलिया, नृपेंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-अलीपुरद्वार, प्रियदर्शिनी एस को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- बांकुड़ा, सना अख्तर को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- पूर्व बर्धमान, शांतनु बाला को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट -हुगली, दिव्या मुरुगन को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- पूर्व मेदिनीपुर, रवि अग्रवाल को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- उत्तर दिनाजपुर, अभिषेक चौरसिया को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- उत्तर दिनाजपुर और सुश्री नीतू को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- बीरभूम के रूप में स्थानांतरित किया गया है।