- गांधीनगर में बी एल संतोष ने जन प्रतिनिधियों – पार्टी पदाधिकारियों से की बैठक , जे पी नड्डा लगाएंगे नेम प्लेट
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड़ पर आ गयी है। दो दशक बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका गुजरात चुनाव में ना केवल बढ़ेगी , बल्कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित 40 सीटों को संघ अपने समरसता अभियान के सहारे भाजपा की झोली में डालने की पूरी कोशिश करेगा , जिसके लिए 6 महीने की कार्य योजना बनायी गयी है।
अभी तक शहरी और अनारक्षित विधानसभा क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद भाजपा इन 40 सीटों में लगभग आधा ही हांसिल कर पाती है। 2017 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 में से भाजपा महज 7 सीट जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 27 में से 10 सीट ही जीत पायी थी।
भाजपा राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष , गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात भाजपा प्रमुख तथा नवसारी सांसद सी आर पाटिल के बीच बंद कमरे में हुयी लम्बी बैठक के दौरान गुजरात चुनाव की परिस्थितियों , भावी कार्यक्रम तथा रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गयी।
हिमांचल से गुजरात आएगा ” नेम प्लेट मॉडल “
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी पी नड्डा भी गुजरात प्रवास पर आकर किसी आदिवासी कार्यकर्ता के यहा जाकर ” नेम प्लेट ” लगायेंगे।
जिसकी शुरुआत 7 मई को भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल के एक दिन एक जिला कार्यक्रम के तहत बारडोली से 7 मई को होनी थी लेकिन यह कार्यक्रम आखरी समय में स्थगित किया गया , जिसकी नई तारीख आगामी दिनों में तय किया जायेगा।
जिस तरह पेज प्रमुख गुजरात से पुरे देश में गया उसी तरह घर में भाजपा के चुनाव निशान के साथ नाम पट्टिका की शुरुआत भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हिमांचल प्रदेश के अपने गृह जिले बिलासपुर में चरणजीत सिंह के घर नेम प्लेट लगा कर शुरुआत की थी। हिमांचल से यह प्रयोग गुजरात आयेगा ,फिर पूरे देश में जायेगा।
संघ के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया की गुजरात में संघ के 22 प्रकोष्ठ काम कर रहे हैं , जिनमे वनबंधु कल्याण परिषद , एकल विधालय , धर्म जागरण मंच जैसे कई संस्थान अनुसूचित जाति – तथा जनजाति विस्तार में ही काम करते है।
संघ अपने जमीनी फीड बैक से समय समय पर पदाधिकारियों को अवगत करता है। इस बार एक प्रचारक को 2 विधानसभा क्षेत्र सौपे जाने हैं।
आदिवासी तथा अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रो के लिए विशेष रणनीति तैयार की गयी है। जिसमे उनके धर्म गुरुओं की भी मदद ली जा रही है।
गुजरात भाजपा संगठन महासचिव रत्नाकर जी ने विभिन्न धर्म गुरुओ के साथ बैठक भी की है। भाजपा ने अपने संपर्क कार्यक्रम में मंदिर और उसके पुजारियो से मुलाकात को प्राथमिकता दी है।
दक्षिण गुजरात में सफल रहा है प्रयोग
गुजरात के आदिवासी विस्तार दक्षिण गुजरात में संघ का ” सबरी महाकुंभ ” से शुरू होगा प्रयोग सियासी तौर पर सफल रहा है। कभी डांग वलसाड , सूरत जिला ,तथा नवसारी में आरक्षित सीटों में 2017 में भाजपा ने 8 सीट हांसिल की ,उपचुनाव में कांग्रेस से आये दोनों विधायकों की सीट काबिज करने में भाजपा सफल हुयी थी , जिसमे संघ ने धर्मातरित आदिवासी इसाई समुदाय के एक धड़े को जोड़कर यह कारनामा कर दिखाया था।
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