रिकॉर्ड कायम करने वाले विधानसभा चुनाव की जीत में भाजपा ने अपने शहरी गढ़ों को और मजबूत कर लिया है। ‘रूर्बन'(rurban) यानी ग्रामीण+शहरी सीटों पर कांग्रेस को धूल चटा दी। भाजपा ने 92 ग्रामीण सीटों में से 75 पर जीत हासिल की। भगवा पार्टी के लिए यह बड़ी कामयाबी रही।
कांग्रेस को असली झटका ग्रामीण सीटों पर लगा। भाजपा ने 2017 की तुलना में कुल 92 ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में से 39 सीटें और हथिया ली। इन इलाकों में भाजपा को 2017 में 36 सीटें ही मिली थीं। पिछले चुनाव यानी 2017 में कांग्रेस ने 50 ग्रामीण सीटों पर जीत हासिल की थी, जो इस बार 11 पर सिमट गई।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीन ग्रामीण सीटें – देदियापाड़ा, गरियाधर और जामजोधपुर पर जीत हासिल की। ये तीनों सीटें पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP), भाजपा और कांग्रेस की थीं। बयाड़ और धनेरा में दो निर्दलीय जीते। कांधल जडेजा, जिन्हें एनसीपी ने टिकट नहीं दिया था, ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पोरबंदर में कुटियाना से जीत गए।
अपने पारंपरिक शहरी गढ़ों भाजपा ने एक और प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उसने 45 में से 42 सीटों पर जीत हासिल की, जो आठ नगर निगम क्षेत्रों के भीतर और आसपास हैं। यह 2017 की 38 शहरी सीटों की तुलना में पांच सीटें अधिक हैं। कांग्रेस शहरों में सिर्फ दो सीटों तक सीमित ही। यानी 2017 जीती सीटों में पांच गंवा बैठी। एक निर्दलीय के रूप में लड़े भाजपा के बागी धर्मेंद्रसिंह वाघेला ने वडोदरा में वाघोडिया सीट जीत ली।
भाजपा ने सूरत की सभी 10 और राजकोट की चार सीटों पर जीत हासिल की। इसने वडोदरा में छह में से एक और अहमदाबाद शहर में 16 में से दो को गंवा दिया। अहमदाबाद में कांग्रेस ने जमालपुर-खड़िया और दानिलिमदा को बरकरार रखा। दरियापुर में भाजपा से हार गई। ये रोचक मुकाबले थे।
सूरत में वराछा रोड और कटारगाम में आप की बीजेपी को चुनौती नाकाम रही। आप गुजरात के शहरी क्षेत्रों में अपना खाता खोलने में विफल रही। अहमदाबाद का एलिसब्रिज, घाटलोडिया और नारनपुरा और सूरत का कटारगाम और वराछा भाजपा के सबसे दुर्जेय गढ़ हैं। घाटलोडिया सीट पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कांग्रेस के अमी याज्ञनिक हो हरा दिया। सूरत में सात, अहमदाबाद में छह, राजकोट में दो, जामनगर और वडोदरा में दो-दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।
राज्य के 45 ‘रूर्बन’ निर्वाचन क्षेत्र गांवों से घिरे छोटे और मध्यम आकार के कस्बे हैं, जहां शहरी-ग्रामीण मतदाता अनुपात 30:70 से 70:30 के बीच हो सकता है। रूर्बन सीटों में मेहसाणा, मोरबी, आणंद, और नडियाद के साथ-साथ पारडी, जेतपुर, बोटाड और सोमनाथ जैसे छोटे शहर शामिल हैं। रूर्बन क्षेत्रों में बीजेपी ने 39 सीटें जीतीं जो 2017 में 25 सीटों से 14 अधिक रहीं। कांग्रेस ने सिर्फ चार सीटें जीतीं। यानी पिछली बार जीती सीटों में 20 गंवा बैठी। आप ने दो सीटें जीतीं। उसने कांग्रेस से विसावदर और बीजेपी से बोटाद छीन ली।
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