गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे से अब यह साफ हो गया है कि बीजेपी गुजरात में सरकार चलाने में पूरी तरह विफल रही है. कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी,अस्पताल में बिस्तर न मिलने, कब्रिस्तानों से आ रही भयानक तस्वीरों से गुजरात की छवि पूरी दुनिया में धूमिल हुई है.
प्रदेश में बढ़ती महंगाई, व्यापारियों के सामने संकट, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, उद्योगों के बंद होने से प्रदेश की जनता परेशान है. दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से चलाई जा रही गुजरात सरकार कब तक अपनी नाकामी छुपाएगी?
गुजरात में 2014 के बाद पहली बार हमारे आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री बदलने की स्थिति आई और अब एक बार फिर मुख्यमंत्री को जनता की भारी नाराजगी के बाद इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन असली बदलाव अगले साल के चुनावों के बाद ही आएगा जब जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देगी।