अम्बाजी मंदिर के मोहनथाल प्रसाद विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस सदस्यों ने मोहनथाल सत्ताधारी विधायकों को दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमणलाल वोरा ने मोहनथाल की गुणवत्ता को लेकर शंका व्यक्त की जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी ने मामले की जाँच के लिए सर्जेंट को निर्देश दिए।
फ़ूड विभाग ने मोहनथाल के सैम्पल लिए है। वही कांग्रेस सदस्यों ने इस मामले को लेकर पहले गृभगृह में गए। बाद में सदन से बहिर्गमन किया। विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी ने कांग्रेस सदस्यों को सदन की कार्यवाही से दिन भर के निलंबित कर दिया।
सदन के बाहर कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने भाजपा पर मोहनथाल के मामले में चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
विधानसभा सदन के दूसरे सत्र में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस विधायक मोहनथाल को सदन में लेकर आए. इस मोहनथाल को भाजपा के सभी विधायकों को बांटा और खिलाया गया।
हालांकि इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक को हिदायत दी कि जो भी विधायक सदन में जो खाध पदार्थ लेकर आए हैं, उसे बाहर ही रख दें. लिहाजा सदन में पूछताछ के बाद कांग्रेस विधायकों ने अंबाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर विरोध शुरू कर दिया.
ईडर सीट से भाजपा विधायक रमणलाल वोरा ने शिकायत करते मोहनथाल की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किये जिस पर कार्रवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने सर्जेंट को निर्देश दिए कि पूरे घटना की निष्पक्ष जांच की जाए।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा खाने-पीने का सामान बाहर रखने का निर्देश देते ही कांग्रेस विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक ” “बोल मारी अंबे जय जय अंबे “के नारे लगाते हुए सदन से वाकआउट कर गए।
उनकी मांग थी कि अंबाजी मंदिर में मोहनथाल को प्रसाद के रूप में फिर से शुरू किया जाए और चिकी का प्रसाद बंद किया जाए। बता दें कि इससे पहले विधानसभा में दांता से विधायक कांति खराड़ी ने मोहनथाल फिर से प्रसाद के तौर पर शुरू करने की मांग की थी।
भाजपा उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफ़ा
भारतीय जनता पार्टी के अंबाजी उपाध्यक्ष सुनीलभाई ब्रह्मभट्ट ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। ब्रह्मभट्ट ने वीडियो पोस्ट कर कहा कि मैं जिस पार्टी से कई वर्षों से जुड़ा हूं, उसके प्राथमिक सदस्य पद और सक्रिय सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है.
भाजपा की सेवा वर्षो तक करने के बावजूद 8 दिन से मोहनथाल का प्रसाद बंद कर दिया गया, लेकिन किसी पदाधिकारी या अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया। कोई गतिविधि न देखकर बहुत दुख हो रहा है।
मैं अंबा जी के लाखों भक्तों की आस्था को धोखा देने के काम से बहुत आहत हूं और इसलिए मैं माता अंबा के चौक में भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.