कोविड-19 का पता लगाने के लिए निजी संस्थानों द्वारा प्रबंधित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और सरकारी हवाई अड्डों पर रैपिड RT-PCR जांच की कीमत में भारी अंतर है।
जैसे कोझिकोड हवाई अड्डे पर ऐसी जांच के लिए 1,580 रुपये देने पड़ते हैं, जबकि मुंबई और हैदराबाद हवाई अड्डों पर दरें ढाई गुणा अधिक3,900 रुपये हैं। ऐसा तब है, जबकि राज्य सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद कीमतों में 13.3 % की कमी कर दी गई। गौरतलब है कि चार बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे- दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु से लोग सबसे ज्यादा यात्रा करते हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में इन चार हवाई अड्डों पर 12.23 लाख यात्री आए। इस महीने करीब 22.22 लाख यात्री भारत आए। वहीं कोझिकोड में 1.45 लाख, गोवा में 9,565 , कोलकाता में 34,076 और चेन्नई में 1.57 लाख यात्री आए।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक RT-PCR जांच के लिए ज्यादा कीमतों के पीछे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि एयरपोर्ट का प्रबंधन कर रही कंपनियां उसमें 30-35 फीसदी हिस्सा ले लेती हैं। हालांकि सरकारी हवाई अड्डों पर राजस्व नहीं लिया जा रहा है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के बाद केंद्र ने ‘जोखिम वाले’ देशों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए RT-PCR जांच अनिवार्य कर दिया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, चीन आदि के अलावा यूरोपीय देश शामिल हैं।
हैदराबाद हवाई अड्डे पर जांच के लिए 750 रुपये, जबकि रैपिड RT-PCR जांच की कीमत 3,900 रुपये है। रैपिड RT-PCR की कीमत हाल ही में पहले के 4,500 रुपये से कम की गई थी। उधर मुंबई में रैपिड RT-PCR जांच की लागत 3,900 रुपये है, लेकिन यह भी राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद पिछले सप्ताह 4,500 रुपये से कम हो गई थी। मुंबई हवाई अड्डे पर सामान्य RT-PCR की कीमत 600 रुपये है।
एयरपोर्ट मैनेजमेंट करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य RT-PCR की कीमत सरकार तय करती है, लेकिन रैपिड RT-PCR जांच की कीमत क्लीनिकल लैब द्वारा तय की जाती है। उदाहरण के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर, जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक्स जांच करता है। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली हवाईअड्डे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने और अधिक लैब्स को अपने यहां जगह देने के लिए कहा है। दिल्ली हवाई अड्डे को GMR संचालित करती है। दिल्ली के अलावा GMR हैदराबाद का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी ऑपरेट करती है।