- 36 संगठनों के संगठन मंत्री समेत इस बार 1248 प्रतिनिधि शामिल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवार से अहमदबाद के समीप पिराणा स्थित सत्पथ प्रेरणा पीठ परिसर में शुरू हई । तीन दिवसीय इस प्रतिनिधि सभा के दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत भी उपस्थित रहे । बैठक के पहले दिन वर्ष के कार्य के बारे में योजना और इस पर समीक्षा की गयी । आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न प्रांतों की ओर से किए गए आयोजन की भी चर्चा बैठक में हुयी । स्वतंत्रता के वीरों के बारे में विशेष जानकारी समाज को देने का प्रयास की योजना पर विचार रखे गए । ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार से स्वनिर्भरता प्राप्त करने के लिए शुरू किए गए कार्यों पर भी चर्चा होगी ।
बैठक में चयनित प्रतिनिधि, प्रान्त संघचालक, प्रान्त कार्यवाह एवं विविध 36 संगठनों के संगठन मंत्री समेत इस बार 1248 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं । समाज में समरसता, पर्यावरण, परिवार प्रबोधन अदि विषयों पर अनेक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहे आरएसएस की ओर से चर्चा होगी। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले संघ कार्य एवं प्रांतों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। प्रांतों के संघ कार्य के संख्यात्मक आंकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे।
नागपुर के बाहर 1988 में राजकोट में हुई थी बैठक
आरएसएस में अलग-अलग प्रकार की बैठकें होती हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण बैठक प्रतिनिधि सभा की होती है। पहले प्रतिनिधि सभा की बैठक आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में ही होती थी। नागपुर से बाहर पहली बार प्रतिनिधि सभा की बैठक 1988 में गुजरात के राजकोट में ही हुई थी।
2025 में आरएसएस का शताब्दी वर्ष, 1 लाख स्थान तक पहुंचाने का लक्ष्य
वर्ष 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ कार्य 1 लाख स्थानों तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में शताब्दी वर्ष के बारे में प्रांतों में बनाई गई योजना पर भी चर्चा होगी।
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तस्वीर हनीफ सिंधी